मोदी की ब्रिटेन यात्रा से पहले एफडीआई नीति में बड़े बदलाव

मंगलवार, 10 नवंबर 2015 (17:08 IST)
नई दिल्ली। विदेशी निवेश नियमों को उदार बनाते हुए सरकार ने जमीन-जायदाद, रक्षा, नागर विमानन तथा समाचार प्रसारण समेत 15 क्षेत्रों में विदेशी निवेश नियमों में मंगलवार को ढील दे दी। बिहार में भाजपा की करारी हार के बाद तथा प्रधानमंत्री की ब्रिटेन यात्रा से पहले सुधारों की दिशा में यह अहम कदम उठाया गया है।
 
 
 
निर्माण क्षेत्र में जहां प्रतिबंधों को खत्म करते हुए विदेशी निवेशकों को परियोजना पूरी होने से पहले बाहर निकलने तथा निवेश बाहर भेजने की अनुमति दी गई है, वहीं दूसरी तरफ बिना सरकार की मंजूरी के रक्षा कंपनियों एवं क्षेत्रीय एयरलाइन्स में 49 प्रतिशत तक विदेशी निवेश की मंजूरी प्रदान की गई है।
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निवेश के 32 बिंदुओं में एफडीआई नियमों को उदार बनाये जाने को विकास और सुधारों के प्रति सरकार की ‘स्पष्ट और अडिग’ प्रतिबद्धता बताया और कहा कि इन सुधारों का फल देश के हर नागरिक को मिलना चाहिए।
 
उन्होंने जोर दिया कि भारत को आर्थिक प्रगति की राह पर आगे बढ़ने से रोका नहीं जा सकता और उनकी सरकार चाहती है कि दुनिया इस देश में उपलब्ध विशाल संभावनाओं को पहचाने। निवेशकों का विश्वास बढ़ाने तथा तीव्र वृद्धि के लिए एफडीआई नियमों को सरल बनाने से जुड़े इन सुधारों को मोदी की 12 नवंबर से शुरू होने जा रही ब्रिटेन यात्रा से पहले उठाया गया है।
 
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा, 'सुधार लगातार जारी रहने वाली प्रक्रिया है, जहां तक सुधारों का संबंध हैं, ऐसी कोई रेखा नहीं है जहां पूर्ण विराम हो जाए।'
 
यह पूछे जाने पर कि एफडीआई सुधारों में बहु-ब्रांड खुदरा भी शामिल होगा, उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लिये मौजूदा नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
 
एफडीआई नियमों को उदार बनाते हुए सरकार ने डायरेक्ट टू होम (डीटीएच), केबल नेटवर्क परिचालन तथा शुल्क मुक्त दुकानों में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति दी है। साथ ही सीमित जवाबदेही भागीदारी (एलएलपी) में स्वत: मंजूरी के जरिये 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी गई है।
 
निजी क्षेत्र के बैंकों के मामले में सरकार ने विदेशी निवेश की पूरी तरह से लचीली व्यवस्था पेश की है। इसके तहत पोर्टफोलियो निवेशक अब क्षेत्र में 74 प्रतिशत सीमा तक निवेश कर सकते हैं। वहीं पॉम, काफी तथा रबड़ बागवानी क्षेत्र को पहली बार खोला गया है।
 
एकल ब्रांड खुदरा बिक्रेताओं के लिए बिना विशिष्ट मंजूरी के ऑनलाइन बिक्री करने की अनुमति देकर खासकर उच्च प्रौद्योगिकी वाले सामान प्राप्त करने के नियमों में ढील दी गई है। हालांकि, वाल-मार्ट जैसे खुदरा विक्रेताओं के लिए बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में 51 प्रतिशत की सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
 
सरकार ने एफआईपीबी के अधिकार में भी बढ़ोतरी की है। विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) अब 5,000 करोड़ रुपए के एफडीआई प्रस्तावों की मंजूरी दे सकता है। अब तक यह सीमा 3,000 रुपए थी। (भाषा)

वेबदुनिया पर पढ़ें