संसद मार्ग थाने में उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 117 (स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाना), 115 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 125 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने का कार्य), 131 (आपराधिक बल प्रयोग), 351 (आपराधिक धमकी) और 3(5) (सामान्य इरादा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई। पुलिस लोकसभा सचिवालय से उस स्थान की सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने का अनुरोध करेगी, जहां घटना हुई थी।
क्या है मामला : संविधान निर्माता बी आर आंबेडकर के कथित अपमान को लेकर गुरुवार को संसद भवन के मकर द्वार के निकट सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्य एक दूसरे के सामने आ गए और जमकर नारेबाजी की। इस दौरान विपक्ष और राजग सांसदों के बीच हुई धक्का-मुक्की में पूर्व मंत्री प्रतापचंद्र सारंगी और लोकसभा सदस्य मुकेश राजपूत घायल हो गए।
क्या है धारा 117 : भारतीय न्याय संहिता की धारा 117, स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाने से जुड़ी है। इस धारा में, स्थायी विकलांगता या लगातार निष्क्रिय अवस्था का कारण बनने वाली गंभीर चोट भी शामिल है। इस धारा के तहत, किसी व्यक्ति को स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाने पर 7 साल तक की जेल हो सकती है। साथ ही, इसमें जुर्माने का भी प्रावधान है।
राहुल को कितनी हो सकती है सजा : धारा 117 के अलावा लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ लगाई गई सभी धाराएं जमानती हैं। धारा 117 के तहत सजा चोट की गंभीरता पर निर्भर करती है, इस मामले में अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान है।
इन नेताओं ने की शिकायत : इसके साथ ही भाजपा ने हत्या के प्रयास और अन्य आरोपों के तहत राहुल गांधी को अभ्यारोपित करने की मांग की थी। भाजपा नेता अनुराग ठाकुर, बांसुरी स्वराज और हेमांग जोशी संसद मार्ग थाने पहुंचे और पुलिस को शिकायत सौंपी। शिकायत में राहुल गांधी पर संसद परिसर में धक्का-मुक्की के दौरान शारीरिक हमला और उकसावे में शामिल होने का आरोप लगाया।