खाद्य नियामक ने पोटेशियम ब्रोमेट को स्वीकृत मिश्रण की सूची से हटाया

सोमवार, 23 मई 2016 (22:06 IST)
नई दिल्ली। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने पोटेशियम ब्रोमेट को स्वीकृत मिश्रण या सामग्री की सूची से हटा दिया है। एनजीओ सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायर्नमेंट (सीएसई) के अध्ययन में दावा किया गया है कि ब्रेड या डबलरोटी में कैंसर पैदा करने वाला रसायन होता है।
इसके अलावा नियामक पोटेशियम आयोडेट के खिलाफ प्रमाण की भी जांच कर रहा है, जिसके बाद इसके इस्तेमाल पर भी अंकुश लगाया जा सकता है।
 
एनजीओ सीएसई की रिपोर्ट में कहा गया है कि आमतौर पर इस्तेमाल होने वाली 38 ब्रेड (पाव और बन सहित) में से परीक्षण में 84 प्रतिशत में पोटेशियम ब्रोमेट तथा पोटेशियम आयोडेट पाया गया है। कई देशों में इनके इस्तेमाल पर प्रतिबंध है क्योंकि  स्वास्थ्य की दृष्टि से इन्हें खतरनाक माना जाता है।
 
एफएसएसएआई के मुख्य कार्यकारी पवन कुमार अग्रवाल ने कहा कि एक वैज्ञानिक समिति ने मिश्रण के रूप में इस्तेमाल की सूची से पोटेशियम ब्रोमेट को हटाने की सिफारिश की है। हमने इसे हटाने का फैसला पहले ही ले लिया है। जल्द इसे अधिसूचित किया जाएगा। पोटेशियम आयोडेट के बारे में अग्रवाल ने कहा कि हम प्रमाण की जांच कर रहे हैं। इस पर जल्द फैसला लिया जाएगा।
 
सूत्रांे ने बताया कि एफएसएसएआई ने जनवरी में पोटेशियम ब्रोमेट को खाद्य मिश्रण की सूची से हटाने का फैसला किया था और इस बारे में अधिसूचना का मसौदा जारी किया जा चुका है। 
 
सीएसई के अनुसार पोटेशियम ब्रोमेट गुंथे हुए आटे की ताकत बढ़ाता है। इससे बेकरी वाले उत्पादों को अंतिम तौर पर समान रूप में बनाया जा सकता है। वहीं पोटेशियम आयोडेट आटे के ट्रीटमेंट एजेंट के रूप में काम करता है।
 
सीएसई ने एफएसएसएआई से पोटेशियम ब्रोमेट तथा पोटेशियम आयोडेट के इस्तेमाल पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है, जिससे भारतीय आबादी पर इनकी सामान्य तरीके से पहुंच पर अंकुश लगाया जा सके।
 
सीएसई की रिपोर्ट पर स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, ‘हमें इस मामले की जानकारी है। मैंने अधिकारियों से मुझे इस बारे में तत्काल आधार पर रिपोर्ट देने को कहा है। घबराने की जरूरत नहीं है। जल्द हम जांच रिपोर्ट के साथ आएंगे।’(भाषा)  

वेबदुनिया पर पढ़ें