उन्होंने कहा कि नए भारत के निर्माण के लिए पूरे देश का संतुलित विकास आवश्यक है। हमने सुनिश्चित किया है कि सरकार भले ही एक जगह से काम करती हो, लेकिन उसके कार्यों का लाभ देश के कोने-कोने तक पहुंचना चाहिए।
उन्होंने कहा कि एक तरफ हम गरीबों के घर, शौचालय, रसोई गैस, पीने का पानी, बिजली, मोबाइल, इंटनरनेट, सड़क, रेल कनेक्टिविटी जैसी बहुत ही मूल ज़रूरतों को पूरा कर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ मेगा और आधुनिक परियोजनाओं पर भी तेज़ी से काम कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस अंडमान-निकोबार द्वीप समुह ने भारत की आज़ादी के आंदोलन को ताकत दी उसकी आत्मनिर्भर भारत के लिए, नए भारत की रक्षा-सुरक्षा और समृद्धि के लिए भी व्यापक भूमिका है। उन्होंने कहा कि इसी को समझते हुए 2017 में ही द्वीप समूह विकास एजेंसी का गठन किया गया था।
उन्होंने कहा कि इंटरनेट कनेक्टिविटी में बहुत बड़ा सुधार हो जाएगा। नेटवर्क की समस्या की चर्चा बार-बार आती है उसका भी समाधान होगा। बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई-लिखाई सुविधा का ज्यादा से ज्यादा लाभ मिलना संभव हो पाएगा। पर्यटन और दूसरे कारोबार से जुड़े साथियों को भी देश और दुनिया से जुड़ने में अब कोई समस्या नहीं आएगी।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए दिल्ली से इस परियोजना का उद्घाटन करेंगे। समुद्र के भीतर बिछा यह केबल पोर्ट ब्लेयर, स्वराज दीप (हैवलॉक), लिटिल अंडमान, कार निकोबार, कामोरता, ग्रेट निकोबार, लांग आईलैंड और रंगट को भी जोड़ेगा। (भाषा)