Lok Sabha Elections 2024 : लोकसभा चुनाव के नतीजे आने और सरकार बनने के बाद पश्चिमी उत्तरप्रदेश की राजनीति में भूचाल आया हुआ है। भाजपा के दो कद्दावर नेता आमने-सामने आकर एक दूसरे पर हार-जीत का ठीकरा फोड़ते नजर आ रहे हैं। मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से लगातार दो बार जीत दर्ज करते हुए केन्द्रीय मंत्री रहे डॉ. संजीव कुमार बलियान ने इस बार की हार का जिम्मेदार पूर्व सरधना विधायक/भाजपा के फायर ब्रांड नेता संगीत सोम पर लगा दिया है। संगीत सोम ने बड़ा बयान दिया है कि राष्ट्रीय लोकदल दल से भाजपा को कोई फायदा नहीं हुआ है, बल्कि हार मिली है।
मुजफ्फरनगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए संजीव बालियान ने मेरठ सरधना भाजपा के पूर्व विधायक संगीत सोम को भाजपा का विभीषण और शिखंडी तक कह डाला। बालियान ने कहा कि 'मैं संगीत सोम की वजह से हारा हूं, शायराना अंदाज में बोले कि मेरा पानी उतरता देख किनारे पर घर मत बना लेना, मैं समंदर हूं लौट कर आऊंगा।' संजीव बालियान के बयानों से आहत होकर आज संगीत सोम ने मेरठ स्थिति आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए संजीव बालियान के बयानों को निराधार बताया।
उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर लोकसभा में मेरठ सरधना की विधानसभा लगती है। इसके चलते मैंने भाजपा के कार्यकर्ता, कमल के फूल का सम्मान बरकरार रखते हुए अपनी विधानसभा में जीत दर्ज की है जबकि संजीव बालियान के अपने घर की विधानसभा चरथावल और बुढ़ाना में वे हार गए। बुढ़ाना विधानसभा के सोरम में पार्टी के बड़े नेता और प्रदेशाध्यक्ष आए, लेकिन वहां जीत दर्ज नहीं हुई, जिसके लिए भाजपा के फोरम को हार की समीक्षा करनी होगी।
मैं संजीव बालियान को बता देना चाहता हूं कि उनके लिए काम नहीं करता, कमल के फूल के लिए काम करता हूं। मुझे सरधना की जिम्मेदारी दी, सरधना में विकास नहीं होने के बावजूद यहां वोट कम नहीं पड़े, लेकिन संजीवजी के जिले में बुढ़ाना और चरथावल क्यों हारे? अगर उन्होंने अपने क्षेत्र में विकास के आयाम रचे हैं जो वे बुढ़ाना और चरथावल में क्यों हार गए? इस पर चिंतन मनन करें क्यों हारे हैं? अगर मैंने गलत किया है तो इसकी शिकायत पार्टी फोरम पर करें न कि मीडिया के सामने।
संगीत सोम के लिए संजीव बालियान ने शायराना अंदाज में कहा कि 'पत्थर पर सिर पटक कर कुछ नहीं होता, समंदर को वापिस आना है' इस पर संगीत ने कहा कि समंदर विटस आए या नहीं मैं नहीं जानता, मैं विकास की राजनीति करता हू विनाश की नहीं, मैं हिंसा की राजनीति नहीं करता, सोरम में प्रदेश अध्यक्ष और कई नेता गए फिर क्यों हारे सोरम, मैंने चुनाव साधना का नहीं हारने दिया, ठाकुरों की नाराजगी के बाद विधानसभा नहीं हारने दी। मेरी किसी से दुश्मनी नहीं हरेंद्र से भी हाथ मिलाऊंगा और बसपा के नेता मिलेंगे तो उनसे भी, हिन्दू वोटों का कम निकालना किसी कारणवश डिविजन होना हार का कारण है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोकदल से भाजपा को कोई फायदा नहीं हुआ, बल्कि भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है।