शोक में डूबा देश, रामेश्वरम में कलाम का अंतिम संस्कार...

मंगलवार, 28 जुलाई 2015 (12:46 IST)
नई दिल्ली। देश ने मंगलवार को पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि दी और सभी राजनीतिक दलों के नेताओं और विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियों ने उन्हें ‘सच्चा सपूत’ और ‘दुर्लभ रत्न’ कहते हुए अत्यंत आत्मीय ढंग से याद किया।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अनेक गणमान्य लोगों ने 83 वर्षीय कलाम को श्रद्धांजलि दी जिनकी पार्थिव देह शिलांग से यहां लाई गई। उनका कल रात शिलांग में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।
 
कलाम का अंतिम संस्कार तमिलनाडु में उनकी जन्मस्थली रामेश्वरम में पूरे सैन्य सम्मान के साथ 30 जुलाई को किया जाएगा। कलाम की पार्थिव देह पहले शिलांग से गुवाहाटी लाई गई और गुवाहाटी से भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से यहां लाई गई। पालम टेक्निकल एरिया के टरमक पर तिरंगे में लिपटी उनकी पार्थिव देह को एक डेक पर रखा गया और गणमान्य लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
 
पूर्व राष्ट्रपति के पार्थिव शरीर को उनके 10, राजाजी मार्ग स्थित आवास पर ले जाने से पहले उन्हें तीनों सेनाओं ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया और राष्ट्रपति तथा अन्य महानुभाव ने मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। आज अपराह्न तीन बजे से कलाम की पार्थिव देह को उनके आवास पर रखा गया है जहां बड़ी संख्या में लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। हवाईअड्डे से फूलों से सजे वाहन पर कलाम की पार्थिव देह को 12 किलोमीटर दूर उनके आवास तक लाया गया।
 
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ अनेक विशिष्ट व्यक्ति कलाम के राजाजी मार्ग स्थित आवास पर भी पहुंचे और भारत के सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपति कहे जाने वाले कलाम को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
 
कलाम का गुरुवार को दिन में 11 बजे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। कलाम के परिवार की इच्छा के अनुरूप उनकी जन्मस्थली तमिलनाडु के रामेश्वरम में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। 
 
दिवंगत आत्मा को अंतिम श्रद्धांजलि देने वालों में रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर, दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, तीनों सेनाओं के प्रमुख और भारतीय वायुसेना के मार्शल 96 वर्षीय अर्जन सिंह, भाकपा नेता डी राजा, क्रिकेटर और राज्यसभा सदस्य सचिन तेंदुलकर आदि शामिल थे। 
 
कलाम कल शिलांग में आईआईएम में व्याख्यान देते हुए गिर गए थे और दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया था। शिलांग से उनकी पार्थिव देह को पहले वायुसेना के हेलीकॉप्टर में गुवाहाटी लाया गया, जहां असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने श्रद्धांजलि दी।
 
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्र के प्रति कलाम की सेवाओं की प्रशंसा करते हुए उनके निधन पर शोक प्रकट करने का प्रस्ताव पारित किया, जिसमें कहा गया, उनके निधन से देश ने एक दूरदृष्टा वैज्ञानिक, सच्चे राष्ट्रवादी और महान सपूत को खो दिया। 
 
कलाम को श्रद्धांजलि देने के बाद आज संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही अब 30 जुलाई को होगी। सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर सात दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।
 
सरकार ने अपने प्रस्ताव में कहा कि कलाम प्रौद्योगिकी के जरिए समाज को बदलना चाहते थे और मानव कल्याण के लिए विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने के लिहाज से भारत के युवाओं को प्रेरित करने के पक्ष में थे।
 
प्रस्ताव के अनुसार, कलाम ने भारत के पहले स्वदेश निर्मित उपग्रह प्रक्षेपण यान के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया और भारत को स्पेस क्लब का विशेष सदस्य बनाया। इसके मुताबिक, भारत के 'मिसाइलमैन' के नाम से लोकप्रिय डॉ. कलाम को अग्नि और पृथ्वी मिसाइलों के विकास और उनके परिचालन का श्रेय भी जाता है। उन्होंने हल्के लड़ाकू विमानों को लाकर रक्षा प्रणाली में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दिया।
 
कैबिनेट की बैठक से पहले भाजपा संसदीय दल की बैठक हुई। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति असाधारण व्यक्तित्व वाले साधारण व्यक्ति थे, जो जिस पद पर भी रहे अपना सर्वश्रेष्ठ काम किया। मोदी ने कहा कि कलाम के निधन से देश ने एक दुर्लभ रत्न खो दिया। मोदी ने कहा कि कलाम को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि देश के लिए उनके देखे सपनों को पूरा करने की दिशा में काम किया जाए।
 
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन द्वारा पढ़े गए शोक संदेश के अनुसार, डॉ. कलाम के निधन से देश ने एक दूरदर्शी राजनेता, एक महान वैज्ञानिक, वंचितों के दोस्त और एक नेक इंसान को खो दिया। उन्होंने कलाम को भारत का सच्चा रत्न कहा, जिन्होंने अपनी अंतिम सांसों तक वह सब किया जो उन्हें अच्छा लगता था। इनमें युवाओं से संवाद शामिल है।
 
अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भावुक होते हुए कहा, 83 वर्ष के डॉ. कलाम ऐसी नेक शख्सियत थे जिनमें 38 वर्ष की ऊर्जा और उत्साह था और आठ साल के बच्चे की मासूम मुस्कान थी। राज्यसभा में सभापति हामिद अंसारी ने कहा कि डॉ. कलाम के शोध और शैक्षिक नेतृत्व ने उन्हें अभूतपूर्व सम्मान एवं प्रतिष्ठा दिलाई तथा उनके नेतृत्व में ही देश के मिसाइल कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
 
उन्होंने कहा, अपने सहयोगियों और साथ जुड़े लोगों से उन्हें गहरा लगाव था और उनकी इसी विशेषता की वजह से उन्हें ‘जनता का राष्ट्रपति’ कहा गया। दोनों सदनों के सदस्यों ने कुछ क्षण के लिए मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी और कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
 
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, राष्ट्रपति कलाम जनता के राष्ट्रपति थे। वे ऐसे राष्ट्रपति थे, जिनमें भारत के युवाओं से जुड़ने की क्षमता थी। हमें उनकी, उनकी सोच की और उनकी दूरदृष्टि की कमी खलेगी। (भाषा) 
 

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