एक पैरा के सीवी के आधार पर एफटीआईआई अध्यक्ष बने चौहान

रविवार, 2 अगस्त 2015 (14:09 IST)
नई दिल्ली। क्या सरकार ने अभिनेता गजेंद्र चौहान को उनके मात्र एक पैरा वाले उस सीवी के आधार पर प्रतिष्ठित भारतीय फिल्म एंड टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) का अध्यक्ष चुन लिया जिसमें मशहूर धारावाहिक ‘महाभारत’ में युधिष्ठिर की भूमिका का उल्लेख था? आरटीआई के जवाब में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से मिली फाइल नोटिंग की प्रति को देखने पर ऐसा ही लगता है।

इस नोटिंग में कहा गया है कि गजेंद्र चौहान वे अभिनेता हैं, जो महाभारत (टीवी धारावाहिक) में सबसे अग्रज पांडव युद्धिष्ठिर की भूमिका के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने करीब 150 फिल्मों और 600 से अधिक टीवी धारावाहिकों में काम किया।

आवेदनकर्ता ने गजेंद्र चौहान की शैक्षणिक और पेशवेर योग्यता के बारे में जानकारी मांगी थी जिनको आधार बनाकर उन्हें एफटीआईआई का अध्यक्ष चुना गया।

राजग सरकार ने भाजपा के साथ लंबे समय से जुड़े चौहान को एफटीआईआई सोसायटी का अध्यक्ष एंव संचालन परिषद का चेयरमैन नियुक्त किया है।

मंत्रालय की ओर से मुहैया कराए गए 281 पृष्ठों के रिकॉर्ड में उन सभी बड़े लोगों के बायोडाटा का विवरण शामिल हैं, जो एफटीआईआई अध्यक्ष पद के लिए प्रस्तावित नामों में शामिल थे, लेकिन चौहान की योग्यता से जुड़ा संदर्भ एक पैरा में दिया हुआ है।

चौहान की नियुक्ति से जुड़ी फाइल नोटिंग में दिखता है कि अमिताभ बच्चन, रजनीकांत, विधु विनोद चोपड़ा, जाह्नू बरूआ, राजू हिरानी, जया बच्चन, अदूर गोपालकृष्णन, रमेश सिप्पी, गोविंद निहलानी और आमिर खान जैसे बड़े नामों पर इस पद के लिए विचार किया गया था। एफटीआईआई की ओर से 2014 में इन नामों का प्रस्ताव दिया गया था।

चौहान के बारे में एक पैरा की फाइल नोटिंग के अलावा मंत्रालय ने उनके कामों अथवा उनके सीवी को लेकर कोई दूसरा ब्योरा प्रदान नहीं किया।

आवेदनकर्ता ने चौहान के चयन से जुड़े सभी कारणों को लेकर जानकारी मांगी थी, लेकिन मंत्रालय की ओर से मुहैया कराई गई सूचना में चौहान की विवादास्पद नियुक्ति के बचाव को लेकर कोई कारण नहीं है। मंत्रालय इस बात पर भी चुप रहा था कि चौहान को एफटीआईआई की ओर से प्रस्तावित बड़े नामों के मुकाबले तरजीह क्यों दी गई?

अनुपम खेर, ऋषि कपूर, रणबीर कपूर, सलमान सहित हिन्दी सिनेमा के कई बड़े नामों ने चौहान की नियुक्ति के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों का समर्थन किया है। छात्र 40 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। (भाषा)

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