जानकारी में पता चला कि शाम को गोमुख ग्लेशियर के बाईं तरफ का एक हिस्सा टूट गया था। टूटे ग्लेशियर हिस्से का आकार क्या रहा होगा, इसका अभी पता नहीं चला है। गौरतलब है कि भोजबासा में तीन वैज्ञानिकों का दल पहले से ही गोमुख ग्लेशियर के अध्ययन के लिए मौजूद है।
ग्लेशियर टूटने का पता चलने के बाद से गंगोत्री नेशनल पार्क और वैज्ञानिकों की टीम सही आंकड़ा जुटाने में लगी है। ग्लेशियर टूटने के कारणों को लेकर हालांकि अभी आधिकारिक तौर पर कोई कुछ नहीं बोल रहा है, लेकिन इसे मौसम से आए बदलाव और कम बर्फबारी से जोड़कर देखा जा रहा है।