विश्व वन्य जीव कोष की 'जीवंत ग्रह' शीर्षक की 2016 की ताजा रिपोर्ट के अनुसार मानवीय गतिविधियों के कारण वैश्विक तापमान बढ़ने से वर्ष 2080 से 2100 तक खाद्यान्न उत्पादन में 10 से 40 प्रतिशत की कमी होने की आशंका है। इसके अलावा 70 प्रतिशत जलस्रोतों के प्रदूषित होने का खतरा है।