इसके बाद राज्यों के वित्त मंत्रियों की उच्चाधिकार प्राप्त समिति बनायी गयी और उस समिति ने समय समय पर महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। इसके साथ ही इस विधेयक को वित्त मंत्रालय से जुडी स्थायी समिति को भेजा गया और समिति ने अगस्त 2013 में अपनी रिपोर्ट दी थी, लेकिन वर्ष 2014 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के सत्ता से बाहर होने पर यह विधेयक समाप्त हो गया था।