जम्मू। करीब 6 कश्मीर आधारित राजनीतिक दलों की एकता और उनके द्वारा की गई 'गुपकार घोषणा' अब प्रदेश भाजपा के लिए गले की फांस के साथ ही चिंता का कारण बनती जा रही है। यह इसी से स्पष्ट होता है कि गुपकार घोषणा का विरोध करने के साथ ही जन मानस का साथ पाने की मुहिम भाजपा द्वारा इसलिए भी छेड़ी गई है क्योंकि जम्मू संभाग से आने वाली मिलीजुली प्रतिक्रियाओं में बहुतेरे इसका समर्थन करते हैं।
ऐसे में प्रदेश भाजपा केंद्र सरकार पर अब जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश के दर्जे को बदल कर राज्य का दर्जा देने पर जोर भी देने लगी है। सूत्रों के बकौल, प्रदेश भाजपा के नेताओं ने केंद्रीय आलाकमान से इस संबंध में उस समय चिंता प्रकट की जब दो दिन पहले 6 दलों ने गुपकार घोषणा को आगे बढ़ाते हुए जम्मू कश्मीर की खोई हुई पहचान पाने की खातिर जम्मू के लोगों से समर्थन मांगा था।
अनुच्छेद 370 की वापसी तथा प्रदेश को राज्य का दर्जा देने की मुहिम को लेकर छेड़े गए आंदोलन पर जम्मू संभाग के लोगों में मतभेद जरूर हो सकते हैं पर जिस प्रकार से धारा 370 की कवायद के बाद जम्मू संभाग के लोगों को अधिकारविहीन कर दिया गया तथा विकास के नाम पर ठेंगा ही दिया गया है उससे जम्मू संभाग की जनता नाराज है। यह नाराजगी भाजपा के काडर के एक भाग में भी दिखाई देती है।
ऐसे में प्रदेश भाजपा के नेता अब गुपकार घोषणा के खिलाफ जम्मू के लोगों का साथ पाने की कोशिश कर रहे हैं जिसके लिए वे केंद्र पर दबाव डालने लगे हैं। कश्मीर में भाजपा को अपना आधार खिसकता नजर आने लगा है क्योंकि गुपकार घोषणा से कश्मीरियों को एक नई रोशनी की किरण दिख रही है। यह बात अलग है कि उन्हें यह रोशनी प्राप्त होगी या नहीं, यह तो समय ही बता पाएगा पर जम्मू संभाग के लोगों की नाराजगी जरूर भाजपा पर भारी पड़ती नजर आ रही है।