विधूड़ी ने गुरुवार को यहां कर्नल बैंसला पर राजनीतिक फायदे के लिये सरकार से समझौता कर गुर्जर समाज को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि गत 19 मई को हुआ समझौता केन्द्र सरकार द्वारा गठित रोहणी समिति की सिफारिशों के भरोसे पर किया गया है, जिससे गुर्जर समाज को कुछ भी हासिल होने की संभावना नही है।
उन्होंने पूरजोर शब्दों में कहा कि गुर्जरों को पांच प्रतिशत आरक्षण संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने पर ही मिल सकता है। इसके अलावा आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा में मिल सकता है जिनका प्रावधान कर्नल बैंसला के साथ हुये समझौते में दिखाई नहीं दे रहा है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह समझौता गुर्जरों के साथ छलावा मात्र प्रतीत होता है।
उन्होंने राज्य सरकार से वर्ष 2008 में देवनारायण विकास बोर्ड के लिए प्रतिवर्ष पांच सौ करोड़ रुपए देने के समझौते को लागू करने की मांग करते हुए कि वर्तमान में यह राशि पांच हजार करोड़ रुपए बनती है, लेकिन सरकार ने बहुत कम राशि खर्च की है। यदि पूरी राशि दे दी जाए तो गुर्जर व चार अन्य जातियों का समुचित विकास हो जाएगा। (वार्ता)