UP Hathras Stampede Updates : 40 पुलिसकर्मियों के भरोसे थी हाथरस के सद्भावना कार्यक्रम की सुरक्षा
मंगलवार, 2 जुलाई 2024 (22:45 IST)
उत्तरप्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र में आयोजित एक सत्संग में मंगलवार को प्रवचनकर्ता भोले बाबा के दर्शन के लिए अनुयायियों में होड़ लग जाने और वहां की जमीन कीचड़ और फिसलन भरी होने से भगदड़ मची।प्रत्यक्षदर्शियों ने यह जानकारी दी। हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र में आयोजित एक सत्संग में मंगलवार को भगदड़ मच गयी, जिसमें 116 लोगों की मौत हो गयी और कई अन्य घायल हो गए। कार्यक्रम में करीब 40 पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे।
सत्संग में शामिल होने के लिए अपने परिवार के साथ जयपुर से आई एक महिला ने एटा में पोस्टमार्टम हाऊस पर बताया कि सत्संग के समापन के बाद लोग एकदम से बाहर निकलने लगे, जिससे भगदड़ मच गयी। एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, हम सद्भावना कार्यक्रम समाप्त होने से पहले ही वहां से चले गए थे। कार्यक्रम पूर्वाह्न करीब 11.30 बजे शुरू हुआ था। धक्का-मुक्की के कारण यह घटना हुई। मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार वहां की व्यवस्थाएं कम थीं।"
प्रत्यक्षदर्शी सोनू कुमार ने पीटीआई वीडियो को बताया, पानी की टंकियों और बारिश के पानी ने आस-पास की नालियों को भर दिया था, जिससे सतह फिसलन भरी हो गई थी।''
पैर छूने में भगदड़ : सोनू ने बताया कि ''जब गुरु जी लगभग डेढ़ घंटे बाद वहां से निकले, तो भक्त अचानक उनके पीछे उनके पैर छूने के लिए दौड़े। जैसे ही उनकी कार वहां से निकली, भक्तों को जमीन पर झुकते देखा जा सकता था।
सोनू कुमार ने बताया कि, इसके बाद जब लोग वापस लौटे तो अचानक फिसलन भरी जमीन के कारण वे एक-दूसरे पर गिर पड़े। उन्होंने बताया कि वहां कम से कम 10,000 लोगों की भीड़ थी।
एटा के पोस्टमार्टम हाउस पर आए एक वृद्ध कैलाश ने बताया कि आज साकार विश्व हरि भोले बाबा के सत्संग में बड़ी संख्या में भक्तगण शामिल हुए और आरती के बाद वापस आते समय रास्ते में कीचड़ था, जिससे बचने को लेकर लोग वहां गिर गए और भगदड़ मच गई।
उन्होंने कहा कि लोग एक-दूसरे के ऊपर गिर गए और इसी बीच पीछे से आ रही भीड़ गिरे हुए लोगों को कुचलते हुए आगे आगे बढ़ गयी जिसमें बडी संख्या में लोगों की मौत हो गई और भारी संख्या में लोग घायल भी हुए हैं।सिकंदराराऊ के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) रवेंद्र कुमार के अनुसार, भगदड़ तब हुई जब श्रद्धालु सत्संग के अंत में प्रवचनकर्ता भोले बाबा की एक झलक पाने की कोशिश कर रहे थे।
उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया कि वे बाबा के पैरों के आसपास की मिट्टी भी इकट्ठा करना चाहते थे। सिकंदराराऊ थाने के प्रभारी निरीक्षक आशीष कुमार ने हादसे के लिए प्रवचनकर्ता भोले बाबा के सत्संग में भीड़भाड़ को जिम्मेदार ठहराया।
आगरा जोन के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अनुपम कुलश्रेष्ठ ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "प्रवचन चल रहा था, जिसमें ज्यादातर महिलाएं प्रवचन सुनने गई थीं। जब प्रवचन समाप्त हुआ, तो अचानक भीड़ लग गई, महिलाओं को घुटन महसूस हुई, उसके बाद इस घटना के बारे में पता चला।
एडीजी ने कहा “यह बहुत ही दर्दनाक हादसा है, हमारी प्राथमिकता उन लोगों को उपचार उपलब्ध कराना है जो घायल हुए हैं, और हम मृतक श्रद्धालुओं की औपचारिकताएं जल्द से जल्द पूरी करने की कोशिश कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा “हम सभी मृतकों की पहचान कर रहे हैं और उनकी तस्वीरें ले रहे हैं, ताकि हम उनके शवों को उनके परिवारों को सौंप सकें।" उन्होंने यह भी कहा कि कार्यक्रम की अनुमति एसडीएम ने दी थी और वहां उचित पुलिस व्यवस्था थी। उन्होंने कहा कि करीब 40 पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे।
सत्संग में शामिल होने के लिये अपने परिवार के साथ जयपुर से आयी एक महिला ने एटा में पोस्टमार्टम हाऊस पर बताया कि सत्संग के समापन के बाद लोग एकदम से बाहर निकलने लगे, जिससे भगदड़ मच गयी।
एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, हम सद्भावना कार्यक्रम समाप्त होने से पहले ही वहां से चले गए थे। कार्यक्रम पूर्वाह्न करीब 11.30 बजे शुरू हुआ था। धक्का-मुक्की के कारण यह घटना हुई। मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार वहां की व्यवस्थाएं कम थीं।"
प्रत्यक्षदर्शी सोनू कुमार ने पीटीआई वीडियो को बताया, पानी की टंकियों और बारिश के पानी ने आस-पास की नालियों को भर दिया था, जिससे सतह फिसलन भरी हो गई थी।''
सोनू ने बताया कि ''जब गुरु जी लगभग डेढ़ घंटे बाद वहां से निकले, तो भक्त अचानक उनके पीछे उनके पैर छूने के लिए दौड़े। जैसे ही उनकी कार वहां से निकली, भक्तों को जमीन पर झुकते देखा जा सकता था।
सोनू कुमार ने बताया कि, इसके बाद जब लोग वापस लौटे तो अचानक फिसलन भरी जमीन के कारण वे एक-दूसरे पर गिर पड़े। उन्होंने बताया कि वहां कम से कम 10,000 लोगों की भीड़ थी।
एटा के पोस्टमार्टम हाउस पर आए एक वृद्ध कैलाश ने बताया कि आज साकार विश्व हरि भोले बाबा के सत्संग में बड़ी संख्या में भक्तगण शामिल हुए और आरती के बाद वापस आते समय रास्ते में कीचड़ था, जिससे बचने को लेकर लोग वहां गिर गए और भगदड़ मच गई।
उन्होंने कहा कि लोग एक-दूसरे के ऊपर गिर गए और इसी बीच पीछे से आ रही भीड़ गिरे हुए लोगों को कुचलते हुए आगे आगे बढ़ गयी जिसमें बडी संख्या में लोगों की मौत हो गई और भारी संख्या में लोग घायल भी हुए हैं।
सिकंदराराऊ के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) रवेंद्र कुमार के अनुसार, भगदड़ तब हुई जब श्रद्धालु सत्संग के अंत में प्रवचनकर्ता भोले बाबा की एक झलक पाने की कोशिश कर रहे थे।
उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया कि वे बाबा के पैरों के आसपास की मिट्टी भी इकट्ठा करना चाहते थे। सिकंदराराऊ थाने के प्रभारी निरीक्षक आशीष कुमार ने हादसे के लिए प्रवचनकर्ता भोले बाबा के सत्संग में भीड़भाड़ को जिम्मेदार ठहराया।
आगरा जोन के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अनुपम कुलश्रेष्ठ ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "प्रवचन चल रहा था, जिसमें ज्यादातर महिलाएं प्रवचन सुनने गई थीं। जब प्रवचन समाप्त हुआ, तो अचानक भीड़ लग गई, महिलाओं को घुटन महसूस हुई, उसके बाद इस घटना के बारे में पता चला।
एडीजी ने कहा “यह बहुत ही दर्दनाक हादसा है, हमारी प्राथमिकता उन लोगों को उपचार उपलब्ध कराना है जो घायल हुए हैं, और हम मृतक श्रद्धालुओं की औपचारिकताएं जल्द से जल्द पूरी करने की कोशिश कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा “हम सभी मृतकों की पहचान कर रहे हैं और उनकी तस्वीरें ले रहे हैं, ताकि हम उनके शवों को उनके परिवारों को सौंप सकें।" उन्होंने यह भी कहा कि कार्यक्रम की अनुमति एसडीएम ने दी थी और वहां उचित पुलिस व्यवस्था थी। उन्होंने कहा कि करीब 40 पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे।