HD Deve Gowda in Parliament : पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल (सेक्युलर) के नेता एच.डी. देवेगौड़ा (HD Deve Gowda) ने मंगलवार को संसद (Parliament) से इस बात पर विचार करने को कहा कि आरक्षण जाति के आधार पर दिया जाना चाहिए या इसे बदलकर आर्थिक आधार (economic basis) पर कर देना चाहिए।
गरीब लोग अभी भी दो वक्त की रोटी के लिए परेशान हैं : उन्होंने कहा कि लोग उस आरक्षण से भी पीड़ित हैं, जो हमने अतीत में दिया है और इसने उन लोगों को ऊपर नहीं उठाया है, जो अभी भी दो वक्त की रोटी के लिए परेशान हैं। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि सदन को इस बारे में सोचना चाहिए कि क्या आरक्षण पहले की तर्ज पर ही जारी रखा जाना चाहिए या 'केवल उन लोगों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, जो सबसे ज्यादा गरीबी से जूझ रहे हैं और जिनका जीवनयापन स्तर खराब है'।ALSO READ: फिलिस्तीन लिखा हैंडबैग लेकर संसद पहुंची प्रियंका गांधी
मोदी आरक्षण पर विचार कर सकते हैं : देवेगौड़ा ने कहा कि यदि सदन और नेता इस पर विचार करते हैं तो आरक्षण पर कोई भी फैसला लेने से पहले प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) इस पर विचार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा तैयार किया गया संविधान समय की कसौटी पर खरा उतरा है।ALSO READ: वन नेशन-वन इलेक्शन विधेयक को संसद से पास कराना मोदी सरकार के लिए होगी बड़ी चुनौती?
सदन के नेता जे.पी. नड्डा का जिक्र करते हुए देवेगौड़ा ने कहा कि उन्होंने आरक्षण और विभिन्न अन्य मुद्दों पर विचारोत्तेजक भाषण दिया जिसका देश ने पिछले 75 सालों में सामना किया है। देवेगौड़ा से पहले नड्डा ने संविधान की यात्रा पर अपने विचार रखे थे।(भाषा)