इसका सबसे बड़ा कारण पर्यावरण में परिवर्तन बताया जा रहा है। क्लाइमेट चेंज के कारण ग्लोबल एवरेज 0.85 के मुकाबले देश के इस हिस्से में 1.5 -2 डिग्री तक तापमान में बढ़ोत्तरी हुई है। उधर, गर्मी और लू की चपेट में आने के कारण देशभर में मरने वालों की संख्या 1826 हो चुकी है।
नम हवाओं ने बदला रुख : आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में जानलेवा गर्मी और तापमान बढ़ने के कारणों के बारे में एक्सपर्ट्स का कहना है कि जल स्तर तेजी से नीचे गिर रहा है। वहीं, बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम हवाएं पिछले साल से बिहार और बंगाल की ओर चली जा रही हैं, जबकि पहले इनका डायरेक्शन उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत की ओर हुआ करता था, लेकिन समुद्र तटीय क्षेत्रों के लगातार गर्म होते जाने के कारण ये हालात पैदा हुए हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस साल भी पिछली बार की तरह बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम हवाएं दक्षिण और मध्य भारत में नहीं आ पा रही हैं।
यदि यह जारी रहा तो आने वाले दिनों में इस हिस्से में बारिश भी कम होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के क्लाइमेंट चेंज पैनल के प्रमुख सदस्य नितिन देसाई के मुताबिक इस बात के कई प्रमाण मिले हैं कि देश के दक्षिणी हिस्से में तापमान में जो वृद्धि हो रही है, उसके पीछे कारण क्लाइमेंट चेंज है। भविष्य में क्लाइमेंट चेंज के कारण देश में तापमान बढ़ने का सिलसिला जारी रह सकता है।
सीएसी के जलवायु विभाग के शोधकर्ताओं के मुताबिक और भी तेज गर्मी पड़ने की अभी आशंकाएं हैं, क्योंकि पिछले 100 सालों में .8 डिग्री तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। रात का भी तापमान बढ़ रहा है। अहमदाबाद और दिल्ली में अभी रात का तापमान क्रमशः 39 और 36 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है। (एजेंसियां)