flood in Andhra and telangana : आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में मूसलाधार बारिश के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। सड़कें और रेल पटरियां क्षतिग्रस्त हो गईं, जिससे संपर्क टूट गया है। हजारों एकड़ कृषि भूमि पानी में डूब गई। एजेंसियों को बचाव एवं पुनर्वास के काम में लगाया गया है। वर्षाजनित घटनाओं में तेलंगाना में 16 लोग और पड़ोसी आंध्र प्रदेश में 15 अन्य लोगों की मौत हो गई।
आंध्र प्रदेश में 4.5 लाख लोग प्रभावित : आंध्र प्रदेश में करीब 4.5 लाख लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि सबसे ज्यादा प्रभावित विजयवाड़ा में दूध समेत जरूरी सामान लेने के लिए लोगों के संघर्ष के दिल दहला देने वाले दृश्य देखने को मिले। एनटीआर, गुंटूर, कृष्णा, एलुरु, पालनाडु, बापटला और प्रकाशम सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल हैं। राहत एवं बचाव कार्य में राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की 20 और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 19 टीमें लगी हुई हैं। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने मोदी सरकार से बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की।
విజయవాడలో వరద ప్రభావిత ప్రాంతాల్లో రెండో రోజూ పర్యటించాను. బాధిత ప్రజలకు అందుతున్న సాయాన్ని స్వయంగా పర్యవేక్షించాను. వారికి భరోసా ఇచ్చాను. కేంద్రం పంపిన పవర్ బోట్స్, రాష్ట్ర ప్రభుత్వం చేసుకున్న ఏర్పాట్ల ద్వారా సహాయక చర్యల్లో వేగం పెంచాము. ప్రజల భద్రత మా బాధ్యత. ఊహించని ఈ విపత్తు… pic.twitter.com/75I1y4pA66
पिछले तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश और कई हिस्सों में 24 घंटे से अधिक समय तक बिजली कटौती के कारण विजयवाड़ा में जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है।
लोग अपने बच्चों को कंधे पर उठाकर बाढ़ के पानी में से सुरक्षित निकलने की कोशिश करते देखे गए, जबकि गद्दे पर लेटी एक बुजुर्ग महिला को दो लोग बाढ़ के पानी के ऊपर से ले जाते हुए देखे गए। एक बाढ़ पीड़ित ने शिकायत की कि उन्हें रविवार सुबह से दूध नहीं मिला है और आरोप लगाया कि सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिली।
तेलंगाना में भी बाढ़ से बुरा हाल : तेलंगाना में बारिश से जुड़ी विभिन्न घटनाओं में कम से कम 16 लोगों की जान चली गई और राज्य सरकार ने सोमवार को शुरुआती तौर पर 5,000 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान लगाया। उसने 2,000 करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता की तत्काल मांग की। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार 1.5 लाख एकड़ से अधिक भूमि पर लगी फसलों को नुकसान हुआ है। खम्मम के बाढ़ प्रभावित इलाकों में भारी नुकसान का मंजर देखने को मिला, जहां घरेलू सामान बह गए। राज्य में 6 जिलों के 91 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया। स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी गई है, आईटी कंपनियों में वर्क फ्रॉर्म होम लागू कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से प्रभावित इलाकों का दौरा करने और बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की अपील की। उन्होंने बारिश से जुड़ी घटनाओं में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की।
हैदराबाद स्थित मौसम केंद्र ने कहा कि आज भी आदिलाबाद, कोमाराम भीम आसिफाबाद, निर्मल, निजामाबाद, जगतियाल, संगारेड्डी, मेडक, कामारेड्डी जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है।
कई ट्रेनें रद्द : दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) के एक अधिकारी ने बताया कि भारी बारिश और कई स्थानों पर पटरियों पर जलभराव के कारण 432 ट्रेन रद्द कर दी गईं और 13 ट्रेन आंशिक रूप से रद्द की गईं। उन्होंने बताया कि सोमवार दोपहर तक 139 ट्रेन का मार्ग बदला गया। उन्होंने कहा कि मरम्मत कार्य जारी है। दोनों राज्यों में लगातार बारिश के कारण काजीपेट-विजयवाड़ा खंड में बाढ़ आने और दरारें आने की खबर है और 5 ट्रेन फंसी हुई हैं।
भरूच में 2 घंटे में 120 मिमी बारिश : गुजरात के कई हिस्सों में सोमवार को भारी बारिश हुई और भरूच शहर में शाम 4 बजे से 6 बजे के बीच 120 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। दिन में दक्षिण गुजरात के भरूच, तापी, डांग और नवसारी जिलों में भारी बारिश हुई और तापी जिले के सोनगढ़ और व्यारा तालुकाओं एवं डांग के वघई में शाम 6 बजे तक 12 घंटे की अवधि में 200 मिमी से अधिक बारिश हुई। राज्य में 10 नदियां और 132 जलाशय खतरे के निशान से ऊपर हैं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने इस सप्ताह राज्य में भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। सोमवार की बारिश दो दिन के विराम के बाद हुई। पिछले सप्ताह राज्य में बहुत भारी बारिश हुई थी, जिसके कारण व्यापक बाढ़ आ गई थी।