बारिश से हाल बेहाल : बीती रात भारी बारिश के कारण गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल रास्ते पर भीमबली में 20-25 मीटर का मार्ग बह गया तथा पहाड़ी से बड़े-बड़े पत्थर गिरकर रास्ते में आ गए हैं।
प्रदेश के आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि इस दौरान वहां फंस गए करीब 200 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। इसके अलावा, सोनप्रयाग में मंदाकिनी नदी का जल चेतावनी स्तर के आसपास होने के कारण पार्किंग क्षेत्र को खाली करा लिया गया है।
केदारनाथ यात्रा पर एडवाइजरी : रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन की ओर से केदारनाथ दर्शन के लिए रुद्रप्रयाग तक पहुंचे तीर्थयात्रियों के लिए एक परामर्श जारी किया गया है जिसमें उनसे कहा गया है कि वे फिलहाल जहां भी हैं, सुरक्षित रूके रहें और अपनी केदारनाथ धाम यात्रा को स्थगित कर दें।
परामर्श में कहा गया है कि इस समय सोनप्रयाग से आगे मोटरमार्ग और पैदल मार्ग की स्थिति बिल्कुल भी सही नहीं है। मार्ग सही होने व यात्रा के सुचारू होने की सूचना अलग से दी जाएगी।
केदारनाथ पैदल मार्ग पर फसें श्रद्धालुओं को रेस्क्यू कर SDRF द्वारा आपातकाल हेलीपैड पर लाया जा रहा है और साथ ही रेस्क्यू किए गए लोगों से अन्य सहयात्रियों की जानकारी लेकर उन्हें भी शीघ्र सुरक्षित स्थान पर लाया जा रहा है। pic.twitter.com/ISECI3aJYz
रातभर चला रेस्क्यू : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में बारिश से बिगड़े हालात की समीक्षा की तथा कहा कि प्रदेशवासियों और राज्य के बाहर से आए यात्रियों की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि प्रभावित स्थानों पर बचाव दलों ने रात भर अभियान चलाकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
3 जिलों में 8 की मौत : देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि रायपुर क्षेत्र की एक नहर में बुधवार रात 2 व्यक्ति डूब गए। उन्होंने बताया कि उनके शव बरामद कर लिए गए हैं जिनकी पहचान सुंदर सिंह और अर्जुन सिंह राणा के रूप में हुई है।
हरिद्वार जिले में रूड़की क्षेत्र के भारपुर गांव में भारी बारिश से एक मकान ढह गया जिससे उसके मलबे के नीचे दबने से तीन व्यक्तियों की मृत्यु हो गई तथा करीब छह लोग घायल हो गए। टिहरी जिले के घनसाली के जखनयाली गांव में बादल फटने से एक ही परिवार के 3 सदस्यों की मृत्यु हो गई।