मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ ने सांसदों की जनहित याचिका पर दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और उपराज्यपाल को नोटिस जारी किया। पीठ ने कहा कि नोटिस जारी किया जाए। प्रतिवादियों के वकील ने हलफनामा दायर करने के लिए समय मांगा है और उन्हें समय दिया जाता है। मामले की अगली सुनवाई 11 दिसंबर को होगी।
याचिकाकर्ताओं हर्ष मल्होत्रा, रामवीर सिंह विधूड़ी, प्रवीण खंडेलवाल, योगेंद्र चंदोलिया, मनोज तिवारी, कमलजीत सहरावत और बांसुरी स्वराज ने जनहित याचिका में कहा है कि राजधानी के निवासियों को अपनी जेब से भारी स्वास्थ्य और चिकित्सा खर्च उठाना पड़ रहा है और कई लोगों को आपात चिकित्सा स्थिति में उधार लेने या अपनी संपत्ति तक बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि दिल्ली एकमात्र केंद्र शासित प्रदेश है जहां योजना अभी तक लागू नहीं की गई है, लिहाजा वे पांच लाख रुपए की आवश्यक स्वास्थ्य सेवा से वंचित हैं। याचिकाकर्ताओं की ओर से स्वराज अदालत में पेश हुईं। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि दिल्ली के निवासियों के कल्याण के हित में "राजनीतिक विचारधाराओं के टकराव को दूर रखना चाहिए। उन्होंने एबी-पीएमजेएवाई को लागू करने के लिए दिल्ली सरकार और उसके स्वास्थ्य विभाग को निर्देश देने की मांग की।