‘टाइम्स साहित्य समारोह’ में जेटली ने कहा कि वयस्कों के बीच परामर्श से बने समलैंगिक संबंधों को दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपराधमुक्त कर दिया था लेकिन 2013 में उच्चतम न्यायालय ने इस फैसले को पलटकर इसे अपराध की श्रेणी में डाल दिया। उनके मुताबिक यह सही कदम नहीं था।