भारत की ताकत बढ़ेंगी, सेना में शामिल होगी होवित्जर एम 777 तोपें

सोमवार, 26 जून 2017 (12:49 IST)
जैसलमेर। भारतीय सेना ने राजस्थान के जैसलमेर जिले की पोखरण रेंज में अल्ट्रा लाइट होवित्जर एम 777 तोप का ट्रायल शुरू करके भारतीय तोपखाने की ताकत को बढ़ा दिया है। यह तोप 4 किलोमीटर से ही दुश्मन के बंकरों और टैंकों को उड़ा देगी। भारतीय सेना को इस पल का काफी इंतजार था लेकिन मोदी सरकार ने उनका यह इंतजार खत्म कर दिया।
 
होवित्जर एम777 की मारक क्षमता 4 किलोमीटर तक है। सेना इसका ट्रायल 21 जून से ही ले रही है। ये तोप अमेरिका के साथ फॉरेन मिलिट्री प्रोग्राम के तहत मंगाई गई है। इस पूरे समझौते में कुल मिलाकर 145 तोपें आनी है जिनमें से अमेरिका 25 तोप बनाकर भारत भेजेगा, बाकी 120 तोपें मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत देश में ही महिंद्रा डिफेंस सिस्टम में तैयार की जाएंगी।
 
भारत ने बोफोर्स के बाद ये पहली तोपों की खरीद की है। भारत सरकार ने 4700 करोड़ रुपए का यह समझौता किया है। इसके तहत मेर्रिज ने 2 तोपें भारत में भेजी है जिनका आज पोकरण रेंज जैसलमेर में परीक्षण किया गया है।
 
भारत ने भी अपने परंपरागत रक्षा उपकरण आपूर्तिकर्ता देशों को दरकिनार करते हुए अमेरिका से रक्षा साजोसामान की खरीद बढ़ाई है। अमेरिकी रक्षा उपकरण निर्माता कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने भी बीते दिनों एलान किया कि वह देश में एफ-16 लड़ाकू विमान बनाएगी। साथ ही अमेरिका के साथ ड्रोन खरीद को भी हरी झंडी मिल गई है।
 
इसी क्रम में कार एफएमएस आधारित उत्पादों जैसे जल-थल दोनों पर चलने वाले ट्रांसपोर्ट डॉक आइएनएस जलाशवा (पूर्व यूएसएस ट्रेंटन एलपीडी 14), सी-130 जे हरक्यूलिस सैन्य ट्रांसपोर्ट विमान, पी-8आइ समुद्री टोही विमान, सी-17 ग्लोबमास्टर-3 वायुयान की आपूर्ति होने से आपसी विश्वास का माहौल तैयार हुआ है। इसके परिणामस्वरूप नवंबर, 2005 में ढांचागत समझौते पर हस्ताक्षर हुए।  

वेबदुनिया पर पढ़ें