उन्होंने कहा, 'राजनीतिक इच्छाशक्ति सुधार ला सकती है लेकिन अफसरशाही का काम और जनता की भागीदारी बदलाव ला सकती है। हमें इन सबको एकसाथ लाना होगा। सुधार के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति जरूरी है। मुझमें इसकी कमी नहीं है बल्कि थोड़ी ज्यादा ही है।'
मोदी ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों को इस बात का आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि क्या उनका अ नुभव एक बोझ बनता जा रहा है? उन्होंने कहा कि अफसरशाही में पदक्रम एक समस्या है, जो कि औपनिवेशिक शासकों से आई है और उसे मसूरी (जहां लोकसेवा अकादमी स्थित है) में छोड़कर नहीं आया जाता।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार की भूमिका बहुत प्रबल है लेकिन पिछले 15 साल में चीजें बदल गई हैं। उन्होंने लोकसेवकों से जनता तक पहुंचकर उसके कल्याण के लिए सोशल मीडिया, ई-गवर्नेंस और मोबाइल गवर्नेंस का इस्तेमाल करने के लिए भी कहा। (भाषा)