उन्होंने सोमवार को नयी दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, सरकार इस मामले पर गौर करेगी। आईएएस अधिकारियों के लिए एक सामान्य आचार संहिता है, जो लोक प्रशासन विभाग के अंतर्गत आती है। हम फिलहाल स्थिति की जांच कर रहे हैं। हम समीक्षा करें और तय करें कि क्या किया जाना चाहिए।
विवाद तब शुरू हुआ जब एक आईएएस अधिकारी ने पुलिस में शिकायत दर्ज करायी कि उनका निजी व्हाट्सएप नंबर हैक कर, उसका इस्तेमाल धार्मिक ग्रुप बनाने के लिए किया गया है। उन्होंने तिरुवनंतपुरम शहर के पुलिस आयुक्त को शिकायत देकर मामले की जांच की मांग की।