संयुक्त रूप से पूछताछ : सिंह ने कहा कि मंडल ने खुद को आईबी का अधिकारी बताते हुए चालक दल के सदस्यों को विमान में बम के बारे में बताया था। विमान के उतरने के बाद विमान की जांच की गई और कुछ नहीं मिला। पुलिस ने आईबी अधिकारियों को घटनाक्रम की जानकारी दी, जिसके बाद वे पहुंचे तथा मंडल से आईबी और पुलिस ने संयुक्त रूप से पूछताछ की। पूछताछ के दौरान मंडल की जानकारी फर्जी पाई गई। इसलिए उन्हें कानून के अनुसार गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने कहा कि मंडल ने यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की जान को खतरे में डालकर दहशत फैलाई।
मंडल के खिलाफ मामला दर्ज : पुलिस अधिकारी ने बताया कि मंडल के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 351 (4) और नागरिक विमानन सुरक्षा के विरुद्ध गैरकानूनी कृत्यों का दमन अधिनियम, 1982 के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। उनके अनुसार ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए संबंधित अदालत की आवश्यकता होती है, जो छत्तीसगढ़ में नहीं है। आरोपी के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल उच्च न्यायालय का रुख करेंगे, जिसके पास ऐसे मामलों की सुनवाई करने का अंतर्निहित अधिकार है। उन्होंने कहा कि वे जमानत और मामले को स्थानांतरित करने की मांग करेंगे। (एजेंसी/वेबदुनिया)