नई दिल्ली। भारत में कोरोनावायरस की चौथी लहर की आशंकाओं के बीच एक राहत भरी खबर भी आई है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास के शोधकर्ताओं ने कोरोना का सस्ता इलाज ढूंढ लिया है। हालांकि यह उपचार हलके और मध्यम संक्रमण से पीड़ित मरीजों पर ही कारगर है।
आईआईटी के शोधकर्ताओं ने कोरोना संक्रमण के उपचार में इंडोमिथैसिन नामक दवा का इस्तेमाल किया, जो अस्पताल में भर्ती मरीजों पर प्रभावी पाई गई है। अध्ययन के निष्कर्ष हाल ही में प्रतिष्ठित पीयर-रिव्यू पत्रिका नेचर साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित हुए हैं। इसके मुताबिक यह दवा हलके संक्रमण के लिए उपचार का एक विकल्प प्रदान करती है।
जानकारी के मुताबिक इंडोमिथैसिन दवा का अमेरिका में 1960 से ही बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है। इस दवा का प्रयोग सूजन या जलन संबंधी रोगों के उपचार में प्रयोग किया जाता है।
आईआईटी मद्रास के डॉ. राजन रविचंद्रन के मुताबिक संक्रमण के घातक प्रभावों में से सांस की नली में सूजन आना प्रमुख है। इसके चलते मरीजों को सांस लेने में परेशानी होती है। उनकी जान तक चली जाती है। ऐसे मरीजों पर इंडोमिथैसिन दवा का प्रयोग किया गया, जिसमें उन्हें सफलता भी। अहम बात यह है कि यह दवा कोरोना के सभी वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी है।