नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि हत्या मामले के आरोपी को अपराध में शामिल हथियार की बरामदगी न होने पर भी दोषी ठहराया जा सकता है, बशर्ते चश्मदीद गवाह के तौर पर प्रत्यक्ष साक्ष्य मौजूद हो।
न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा कि अपराध में इस्तेमाल किए गए हथियार की बरामदगी नहीं होती है फिर भी इसे आरोपी को बरी करने का अधिकार नहीं कहा जा सकता, बशर्ते चश्मदीद का प्रत्यक्ष साक्ष्य मौजूद हो।