गृहमंत्री ने रविवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के पिपरसंड, सरोजनी नगर में 'उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज' की आधारशिला रखने के बाद आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा, अखबारों को पढ़ता रहता हूं, रोज बयान आते हैं और चुनाव आने के बाद सक्रिय होने वाले नेताओं की सबसे ज्यादा संख्या उत्तर प्रदेश में है। राज्य में अगले वर्ष की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होना है।
शाह ने विपक्षी दलों के नेताओं खासतौर से समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव को निशाना बनाते हुए कहा, बाढ़ आने पर कोरोना के संकट के वक्त किसानों के भूख से मरने पर ये लोग दिखाई नहीं पड़ते। जब किसानों के कर्ज माफ करने थे तो आप मौज-मस्ती में व्यस्त थे, लेकिन चुनाव नजदीक आएगा तब आप जरूर दिखेंगे।
पूर्ववर्ती सपा सरकार की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, पहले पश्चिम से लोग घर छोड़कर भाग रहे थे, महिलाएं असुरक्षित थी, दिनदहाड़े गोलियां चलती थीं लेकिन 2017 में भाजपा ने एक वादा किया था कि उप्र को कानून-व्यवस्था की दृष्टि से ठीक बनाएंगे और विकसित राज्य बनाएंगे और आज 2021 में गर्व के साथ कह सकता हूं कि योगी आदित्यनाथ और उनकी टीम ने दंगाग्रस्त उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था का राज स्थापित किया है।
उन्होंने दावा किया, विकास की 44 योजनाओं में देश में उप्र सबसे आगे हैं। योगी और उनकी टीम ने देश की 44 योजनाओं में सर्वप्रथम स्थान प्राप्त किया है। उप्र ने हर क्षेत्र में विकास किया है, चाहे औद्योगिक निवेश की बात हो, चाहे कानून व्यवस्था ठीक करने की बात हो, गरीब किसान के खाते में धन देने की, शौचालय बनाने की, सिलेंडर देने या बिजली पहुंचाने या भ्रष्टाचार को खत्म कर भ्रष्टाचारियों में भय पैदा करने की बात हो, हर क्षेत्र में योगी के नेतृत्व में उत्कृष्ट कार्य किया गया है।(भाषा)