इसी तरह अगर पांच लाख रुपए से अधिक आय वाला निर्धारिती आकलन वर्ष में तय समय जुलाई के बाद व 31 दिसंबर तक रिटर्न दाखिल करता है तो 5000 रुपए का जुर्माना शुल्क लगाने का प्रस्ताव है। वहीं दिसंबर के बाद आईटीआर दाखिल करने पर 10,000 रुपए के शुल्क का प्रस्ताव है।