सुरक्षा बलों की हर जरूरत पूरी करेगी सरकार : जेटली

सोमवार, 14 अगस्त 2017 (22:41 IST)
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने देश की सुरक्षा में लगे सशस्त्र बलों का आभार व्यक्त करते हुए आज कहा कि सरकार उनके मनोबल को बनाए रखने और उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
       
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर सशस्त्र बलों के नाम अपने संदेश में जेटली ने कहा कि देश के सैनिक सीमाओं पर पूरी तरह सतर्क और चौकन्ने हैं तथा नियंत्रण रेखा पर विरोधियों द्वारा किए जाने वाले घृणित कृत्यों का लगातार जवाब दे रहे हैं। अपनी मातृभूमि की रक्षा करते हुए कुछ जवान अपना सर्वस्व न्योछावर करते रहे हैं। देश उनके इस बलिदान के लिए सदा ऋणी रहेगा।
      
उन्होंने कहा कि अनेक सैनिक अपने परिवार से कोसों दूर न सिर्फ कठिन इलाकों में बल्कि गहरे समुद्र में भी देश की सुरक्षा में जुटे हुए हैं। सीमा पर पाकिस्तान की हरकतों का उल्लेख करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, कई बार अनुरोध करने के बावजूद वह अपने अवैध कब्जे वाले भारत के भूभाग का इस्तेमाल आतंकवादियों को प्रशिक्षण देने और भारत में आतंकवाद फैलाने के लिए 'लांच पैड' के तौर पर करता रहा है। 
 
उसकी इन गतिविधियों से हमारा धैर्य समाप्त हो गया, क्योंकि ये आतंकवादी न सिर्फ हमारे सैनिकों को बल्कि आम नागरिकों को भी निशाना बना रहे थे। जम्मू कश्मीर तथा विभिन्न राज्यों में घुसपैठ करने के उद्देश्य से तैयारी में बैठे थे और इसीलिए भारतीय सेना ने गत वर्ष सितंबर में कई स्थानों पर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया। इस कार्रवाई के दौरान आतंकवादियों और उन्हें मदद पहुंचाने वाले कई लोगों को जानमाल का नुकसान उठाना पड़ा।
 
जवानों के कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता जताते हुए जेटली ने कहा कि सरकार भत्तों के संबंध में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर निर्णय ले चुकी है, जिससे सुरक्षा बलों के 14 लाख कर्मियों को फायदा होगा। इसमें अत्यंत जोखिम और कष्ट के लिए सियाचीन भत्ते को 14,000 रुपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 30,000 रुपए प्रतिमाह करना, उग्रवाद विरोधी कार्रवाई से जुड़े भत्ते को 3,000 से लेकर 11,700 रुपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 6,000 से लेकर 16,900 रुपए प्रतिमाह तक करना आदि शामिल हैं। 
 
प्रादेशिक सेना भत्ता 175 से लेकर 450 रुपए प्रति माह से बढ़ाकर 1,000 से लेकर 2,000 रुपए प्रतिमाह तक कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों का कल्याण सरकार की प्राथमिकता रही है। वन रैंक वन पेंशन की योजना का लाभ पिछले वर्ष से पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों तक पहुंचने लगा है। इस वर्ष जुलाई तक करीब 20,40,000 पूर्व सैनिक/फैमिली पेंशनरों और 15,93,000 पूर्व-सैनिकों को वन रैंक वन पेंशन के बकायों की पहली और दूसरी किस्तों के रूप में 4,156 करोड़ रुपए और 2,385 करोड़ रुपयों का भुगतान किया जा चुका है। 
 
उन्होंने कहा कि सरकार ने गैर-पेंशनभोगी पूर्व सैनिकों/ विधवाओं के लिए आवश्यकता अनुदान मौजूदा एक हजार रुपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 4,000 रुपए प्रतिमाह कर दिया है। पूर्व सैनिक एसोसिएशनों, राज्य सैनिक बोर्डों, पूर्व सैनिकों/विधवाओं सहित विभिन्न साझेदारों की मांग के बाद आवश्यकता अनुदान बढ़ाने की मंजूरी दी गई।  
 
उन्होंने सैनिकों और उनके परिजनों को 71वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए कहा, हमने अपनी आजादी के लिए लंबी लड़ाई लड़ी और आजादी हासिल की, जिसमें असंख्य देशभक्तों ने अपने प्राण न्योछावर किए ताकि नई पीढ़ी स्वतंत्र भारत में रह सके। देश आपके पराक्रम और आपकी क्षमता और ताकत के साथ सीमाओं की रक्षा के लिए आपकी तरफ देख रहा है ताकि सभी लोग रात में चैन से सो सकें और नया सवेरा देख सकें तथा देश को शांति और समृद्धि की नई ऊंचाइयों तक ले जा सकें। (वार्ता)

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