रूस के साथ कुडनकुलम करार होगा : भारत

शुक्रवार, 19 मई 2017 (14:07 IST)
नई दिल्ली। भारत ने उन मीडिया रिपोर्टों को निराधार एवं शरारतपूर्ण बताते हुए शुक्रवार को खारिज कर दिया जिनमें कहा गया था कि वह परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में सदस्यता के मुद्दे पर रूस की सक्रिय भूमिका नहीं होने पर उसके साथ कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना के 5वें और 6ठे संयंत्र के निर्माण संबंधी करार पर हस्ताक्षर नहीं करेगा। 
 
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने यहां एक सवाल के जवाब में कहा कि यह रिपोर्ट पूरी तरह से निराधार, गलत और शरारतपूर्ण है। कुडनकुलम के करार पर बातचीत हो गई है। यह प्रक्रिया अभी आतंरिक स्वीकृति के स्तर पर है। 
 
हाल ही में मीडिया में ऐसी रिपोर्ट आई थी कि एनएसजी सदस्यता के मुद्दे पर भारत ने रूस को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर वह इस समूह का पूर्ण सदस्य बनने में कामयाब नहीं हुआ तो वह अपने परमाणु ऊर्जा विकास कार्यक्रम में विदेशी सहयोग लेना बंद कर देगा। 
 
रिपोर्ट के अनुसार भारत ने रूस से यह भी कहा है कि ऐसी स्थिति में वह रूस के साथ कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना के 5वें और 6ठे संयंत्र के निर्माण संबंधी करार को ठंडे बस्ते में डाल सकता है। 
 
भारत को रूस से एक और शिकायत है कि चीन के जिस महत्वाकांक्षी 'वन बेल्ट वन रोड' परियोजना का उसने संप्रभुता का मुद्दा मानकर बहिष्कार किया है, उसके सम्मेलन में न केवल रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने शिरकत की बल्कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को भी भारतीय संप्रभुता का मुद्दा नहीं माना है। 
 
रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि पिछले सप्ताह भारत-रूस अंतरसरकारी आयोग की बैठक में भाग लेने आए रूस के उपप्रधानमंत्री दिमित्री रोगोजिन के साथ इस बारे में बातचीत हुई है। अगले माह के आरंभ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बीच सेंट पीटर्सबर्ग में मुलाकात होने वाली है। रूस चाहता है कि पुतिन-मोदी मुलाकात में इस करार पर हस्ताक्षर हो जाएं। 
 
इस बीच केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा देश में 10 दाबित भारी जल संयंत्र बनाए जाने का फैसला लिए जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा क्षेत्र के सहयोगी देशों में इसके ठेके हासिल करने की उम्मीद जागृत हुई है। (वार्ता)

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