उत्तर पश्चिम इंग्लैंड के साउथपोर्ट में पिछले महीने हुई सामूहिक चाकूबाजी के बाद सप्ताहांत में देश में आयोजित अप्रवासी विरोधी विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा और आगजनी की कई घटनाएं दर्ज की गई हैं। लंदन में भारतीय उच्चायोग स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है। उच्चायोग ने भारतीय नागरिकों को ब्रिटेन में यात्रा करते समय सतर्क रहने की सलाह दी है।
उच्चायोग ने अपनी सलाह में कहा कि स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों की सलाह के मुताबिक उन क्षेत्रों से बचने की सलाह दी जाती है, जहां विरोध प्रदर्शन चल रहा है। उसने कहा कि आपातकालीन स्थिति में भारतीय उच्चायोग से संपर्क किया जा सकता है।
अब तक 100 लोग गिरफ्तार : उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन में प्रवासी विरोधी दक्षिणपंथी समूहों से जुड़ी हिंसक झड़प और हिंसा सप्ताहांत में जारी रही। वहीं पुलिस ने इस संबंध में कम से कम 100 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस बीच, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री स्टॉर्मर ने चरमपंथी तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए अधिकारियों को अपना पूरा समर्थन देने की पेशकश की।
शनिवार को लिवरपूल, हल, ब्रिस्टल, लीड्स, ब्लैकपूल, स्टोक-ऑन-ट्रेंट, बेलफास्ट, नॉटिंघम और मैनचेस्टर में पथराव किया, पटाखे फेंके गए, उस होटल की खिड़कियां तोड़ दी गईं जहां देश में शरण चाहने वाले लोग ठहरे हुए थे। साथ ही दुकानों पर हमला किया गया और आग लगा दी गई। वहीं भीड़ और पुलिस के बीच कई झड़पें हुईं। ब्रिटेन की गृहमंत्री यवेट कूपर ने भीड़ को चेतावनी दी कि वे इस तरह के आपराधिक अव्यवस्था और हिंसा की कीमत चुकाएंगे।
मुस्लिमों में खौफ : ब्रिटेन में मुस्लिम विरोधी घटनाओं पर नजर रखने वाले समूहों ने कहा है कि ब्रिटेन के मुसलमानों द्वारा अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त करने की खबरों में वृद्धि हुई है और कई लोग स्थानीय मस्जिदों में जाने से भी डर रहे हैं। दूसरी ओर, ब्रिटेन के न्याय मंत्रालय के अधिकारी न्यायपालिका के साथ-साथ पुलिस प्रमुखों और क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) के साथ इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि मजिस्ट्रेट अदालतों को अधिक समय तक खुला रखा जाए, ताकि दंगा-संबंधी अपराधों के लिए हिरासत में लिए गए लोगों की संख्या में अपेक्षित वृद्धि के मामले में तेजी से कार्यवाही की जा सके। (एजेंसी/वेबदुनिया)