विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच तीन घंटे की बातचीत के दौरान यह मुद्दा उठा। जयशंकर ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि वांग यी ने चीन की समझ, वहां (यूक्रेन में) उत्पन्न स्थिति और उससे संबंधित घटनाक्रम के बारे में चीन का दृष्टिकोण प्रस्तुत किया और मैंने भारतीय दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों पक्षों ने अपने-अपने दृष्टिकोण पर चर्चा की और सहमति जताई कि कूटनीति एवं बातचीत प्राथमिकता होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है, भारतीय दृष्टिकोण के बारे में, आप में से कई लोगों ने मुझे कल संसद में भी बोलते हुए सुना होगा और जाहिर है कि उन्होंने (वांग ने) जो कुछ कहा है वह उनका विचार है और मैंने जो कहा वह मेरा विचार है, लेकिन साझा विचार यह है कि हम दोनों ही तत्काल युद्धविराम को महत्व देने के साथ-साथ कूटनीति एवं बातचीत की राह पर (रूस और यूक्रेन के) लौटने की जरूरत पर सहमत हुए हैं।
विदेश मंत्री ने बृहस्पतिवार को संसद में कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष पर भारत की स्थिति 'दृढ़ और शुरू से लेकर अब तक एक जैसी' रही है और वह वार्ता के माध्यम से संघर्ष का समाधान चाहता है। भारत ने यूक्रेन पर आक्रमण करने को लेकर रूस की अभी तक निंदा नहीं की है और रूसी हमले की निंदा करने वाले प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र में मतदान से भी अनुपस्थित रहा है।
यह पूछे जाने पर कि क्या क्वाड का विषय चीनी विदेश मंत्री ने उठाया था, जयशंकर ने कहा कि नहीं, इसे नहीं उठाया गया। इसलिए, क्वाड पर कोई बातचीत नहीं हुई। क्वाड में भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका शामिल हैं।