एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं होने की शर्त पर बताया, यह पुल निश्चित रूप से क्षेत्र में भारतीय सैनिकों की आवाजाही सुगम करेगा। हमने सैनिकों के बीच गतिरोध तथा चीन की सेना के कड़े विरोध के बावजूद पुल का निर्माण पूरा किया।
सोमवार को हुई झड़प, नाथू ला में 1967 में हुई झड़पों के बाद दोनों सेनाओं के बीच अब तक का सबसे बड़ा टकराव था। नाथू ला में हुई झड़पों में भारतीय सेना के 80 सैनिक शहीद हुए थे, जबकि चीन के 300 से अधिक सैनिक मारे गए थे।(भाषा)