उन्होंने बताया कि भारत के एक नागरिक ने सूचना दी थी कि उसने 1990 में एक प्रतिमा बोध गया में देखी थी। जो 297 प्रतिकृतियां आई हैं उनमें एक मूर्ति इसी सूचना के आधार पर की गई कार्रवाई के फलस्वरूप भारत आई हैं। बेल्जियम, फ्रांस और सिंगापुर सहित कई देशों से 72 कलाकृतियों को भारत लाने की प्रक्रिया चल रही है।
शेखावत ने बताया कि ऐसी संपदा को विदेश से भारत लाने की प्रक्रिया बहुत लंबी होती है और इसमें कलाकृति के स्रोत, उसके ऐतिहासिक महत्व से लेकर कई बातों को साबित करना होता है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया को पूरी करने के बाद 297 कलाकृतियां भारत लाई गई हैं और इन पर अभी तक किसी भी राज्य या संग्रहालय की ओर से कोई दावा नहीं किया गया है।
शेखावत ने बताया कि नई दिल्ली में ऐसी कृतियों को रखने के लिए पुराने किले में विशेष संग्रहालय बनाया गया है। उनके अनुसार, संसद में भी ऐसी 11 प्रतिमाओं को प्रदर्शित किया गया है। उन्होंने बताया कि सांस्कृतिक संपत्ति के संबंध में अमेरिका के साथ एक समझौता हुआ है जो ऐसी पुरा संपदाओं का बाजार भी है। अन्य देशों के साथ समझौते की प्रक्रिया चल रही है।