अकबरुद्दीन ने कहा कि वीटो के सवाल पर कई लोगों ने अलग-अलग नजरिए से गौर किया, लेकिन जी-4 का रुख यह है कि वीटो कोई समस्या नहीं है, बल्कि समस्या अवरोधों का प्रावधान करने को लेकर है। जी-4 में भारत के अलावा ब्राजील, जर्मनी और जापान शामिल हैं।
जी-4 ने एक बयान में कहा, 'हमारा रुख इसी भावना के अनुरूप है। नए स्थायी सदस्यों के पास सैद्धांतिक तौर पर वो सभी जिम्मेदारियां और बाध्यताएं होंगी जो मौजूदा समय के स्थायी सदस्यों के पास है, हालांकि नए सदस्य वीटो का उपयोग तब तक नहीं करेंगे जब तक समीक्षा के दौरान कोई फैसला नहीं हो जाता।'