विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि सरकार समय-समय पर विदेशों में अपने मिशनों में तैनात कर्मचारियों एवं उनके मुद्दों की तत्कालीन परिस्थितियों की समीक्षा करती रहती है। इसी के तहत इस्लामाबाद में तैनात अपने अधिकारियों को सलाह गई है कि वे अपने बच्चों की शिक्षा का प्रबंध पाकिस्तान के बाहर कर लें।
स्कूल आतंकियों के निशाने पर : सरकारी सूत्रों के अनुसार यह परामर्श केवल सुरक्षा कारणों से जारी किया गया है। इस फैसले से करीब 60 बच्चों को आगे की पढ़ाई के लिए इस्लामाबाद से भारत लौटना होगा। इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों के बच्चों को सिर्फ दो स्कूलों- इंटरनेशनल स्कूल ऑफ इस्लामाबाद या अमेरिकन स्कूल और रूट्स इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ाने की अनुमति है। समझा जाता है कि इन स्कूलों पर आतंकवादियों की नजर होने की खुफिया सूचनाओं के बाद भारत ने एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया है।