भारत-पाक के बीच भारी गोलीबारी, दहशत का माहौल, अफवाहों के बीच सेना का खंडन

श्रीनगर। भारत और पाकिस्तान के बीच शुक्रवार को हुई भारी गोलीबारी के बाद इलाके में दहशत का माहौल है। 
 
प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तरी कश्मीर में बारामुला जिले के हाजीपीर (उरी सेक्टर) में भारत-पाकिस्तान के बीच हल्की गोलीबारी हुई, लेकिन बाद में भारी गोलीबारी हुई। 
 
इस घटना के बाद चुरांडा, सिलीकोट, टीलावाड़ी, सादपुरा और एलओसी से सटे अन्य गांवों में दहशत का माहौल है। पुलिस ने गोलीबारी की पुष्टि करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच गोलीबारी हुई, लेकिन किसी के भी हताहत होने की सूचना नहीं है। 
 
दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर भाजपा के अध्यक्ष रवीन्दर रैना ने कहा कि अमरनाथ यात्रा 15 अगस्त तक जारी रहेगी। किसी भी तरह से भय का माहौल नहीं है। सभी यात्री पवित्र हिमलिंग के दर्शन कर सकते हैं, लेकिन गृह विभाग का एडवाइजरी का पालन किया जाएगा। 

कश्मीर में अफवाहों का दौर, सेना ने किया खंडन : सोशल मीडिया पर शुक्रवार को जम्मू कश्मीर में अफवाहों का दौर जारी रहा। सेना ने इसका खंडन किया कि सीमा पार दर्जनों पाकिस्तानी मारे गए हैं। हालांकि अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले की आशंका के कारण पूरे दिन घाटी में तनाव रहा।
 
पेट्रोल पंपों पर भारी भीड़ : पवित्र अमरनाथ यात्रा को रोकने के आदेश के बाद अफवाहों के बीच श्रीनगर में पेट्रोल पंपों पर स्थानीय लोगों की भारी भीड़ नजर आई। इसका एक कारण कश्मीर के गृह सचिव द्वारा यहां जारी एक आदेश रहा, जिसमें उन्होंने पर्यटकों और अमरनाथ यात्रियों को वापस जाने के लिए कहा था। शुक्रवार को श्रीनगर की सड़कों पर उथल-पुथल मची रही। 
 
स्कूल बंद नहीं रहेंगे : अफवाहों का खंडन करते हुए स्कूली शिक्षा विभाग की सचिव सरिता चौहान ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में स्कूल बंद रखने आदेश जारी नहीं किए गए हैं। इससे पहले सोशल मीडिया पर अफवाहें थीं कि घाटी में स्कूलों को 10 दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। 
 
बाहरी श्रमिकों में डर का माहौल : आतंकवादी खतरे के मद्देनजर अमरनाथ तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को अपनी यात्रा की अवधि को कम करने और कश्मीर घाटी छोड़ने संबंधी राज्य सरकार की तरफ से जारी परामर्श के बाद घाटी में निर्माण कार्य समेत अन्य कार्यों में लगे 4 लाख से अधिक बाहरी श्रमिकों के बीच डर का माहौल बन गया है।
 
कश्मीर घाटी में बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, पंजाब और राजस्थान के कुशल और अर्ध-कुशल 4 लाख से अधिक श्रमिक कार्य कर रहे हैं। ठंड के मौसम में भी घाटी में बड़ी संख्या में श्रमिक काम में लगे रहते हैं। 
 

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