इस कदम का स्वागत करते हुए सांसद पेट ओलसोन ने बुधवार को कहा कि इस वर्ष की शुरुआत में भारत की संसद ने पुष्टि की कि अनुच्छेद 370 का अस्थायी दर्जा खत्म होना चाहिए। यह खत्म हो गया। इससे जम्मू-कश्मीर की जनता को सभी भारतीय की तरह समान अधिकार मिले। यह राज्यसभा में 61 के मुकाबले 125 मतों से और लोकसभा में 70 के मुकाबले 370 मतों से पारित हुआ। इस कदम ने सभी भारतीयों के लिए समानता के द्वार खोले।
उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि यह कदम कश्मीर में शांति की दिशा में उठाया गया कदम बने। ओलसोन ने कहा कि अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था और लगातार 70 वर्ष तक इसके कारण जम्मू-कश्मीर के नागरिक अन्य भारतीयों के मुकाबले भिन्न कानूनों, नागरिकता के अलग नियमों और संपत्ति के मालिकाना हक के संबंध में भिन्न नियमों के तहत रह रहे थे।