डीआरडीओ ने सभी प्रणालियों के प्रदर्शन को संतोषजनक बताते हुए कहा कि परीक्षण रेंज में सेंसर लगाए गए थे और मिसाइल के मार्ग की निगरानी की गई। मिसाइल में कई नई तकनीक शामिल की गई है, जिसमें हेलीकॉप्टर के लिए स्वदेशी रूप से विकसित लांचर भी शामिल हैं। मिसाइल प्रणाली में अत्याधुनिक दिशासूचक और एकीकृत एवियोनिक्स भी शामिल हैं। उड़ान परीक्षण को डीआरडीओ और भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने देखा।