इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सुबह केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति की बैठक में पाकिस्तान को कूटनीतिक स्तर पर घेरने तथा अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग करने का निर्णय लिया गया, साथ ही पाकिस्तान से सर्वाधिक वरीयता प्राप्त राष्ट्र का दर्जा भी छीन लिया गया है। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बैठक के निर्णयों के बारे में जानकारी दी थी।
सुरक्षा समिति की बैठक के बाद विदेश मंत्रालय सक्रिय हो गया। गोखले ने सबसे पहले पाकिस्तानी उच्चायुक्त सोहेल मोहम्मद को तलब किया तथा पुलवामा हमले को लेकर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने उच्चायुक्त से पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ तुरंत उचित कार्रवाई करने को भी कहा। भारत ने पाकिस्तान में अपने उच्चायुक्त अजय बिसारिया को भी बातचीत के लिए दिल्ली बुलाया है।
इसके बाद विदेश सचिव ने चीनी राजदूत लूओ झाओहुई तथा फ्रांस, ब्रिटेन, रूस और अमेरिका के राजदूतों के साथ विचार-विमर्श किया। खाड़ी देशों और जापान तथा कुछ अन्य देशों के राजदूतों को भी बातचीत के लिए आमंत्रित किया गया था। जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने की भारत की मुहिम में रोड़े अटका रहे चीन के विदेश मंत्री ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को संदेश भेजकर पुलवामा हमले की निंदा की है और शहीद जवानों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। (भाषा)