रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ग्लाइड बम के सफलतापूर्वक परीक्षण के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), भारतीय वायुसेना और रक्षा उद्योग की प्रशंसा की। उन्होंने इस सफल परीक्षण को सशस्त्र बलों की क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकियों के विकास में देश के प्रयासों में एक प्रमुख उपलब्धि बताया।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने भारतीय वायुसेना के सुखोई-30 एमके-1 से लंबी दूरी के ग्लाइड बम गौरव का पहला सफल परीक्षण किया है। लंबी दूरी के लक्ष्यों को भेदने में सक्षम 'गौरव' का वजन 1,000 किलोग्राम है और इसे हवा से छोड़ा जा सकता है। हैदराबाद स्थित अनुसंधान केंद्र इमारत (आरसीआई) ने 'गौरव' को विकसित किया है।
मंत्रालय ने कहा कि परीक्षण के दौरान ग्लाइड बम ने लॉन्ग व्हीलर द्वीप पर स्थापित लक्ष्य पर सटीक प्रहार किया। डीआरडीओ के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने इस परीक्षण पर नजर रखी। मंत्रालय ने बताया कि विकास-सह-उत्पादन भागीदार अदाणी डिफेंस और भारत फोर्ज ने भी परीक्षण में भाग लिया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष समीर वी कामत ने ग्लाइड बम के सफल परीक्षण पर पूरी डीआरडीओ टीम को बधाई दी।(भाषा)