नई दिल्ली। भारतीय सेना के बहादुरी भरे कारनामे को पूरा देश एक बड़ा सा सलाम ठोंक रहा है...भारतीय सेना के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी के तारीफ के कसीदे भी पढ़े जा रहे हैं और हो भी क्यों नहीं, बीती रात जब लोग नींद के आगोश में थे, तब हमारे शेर दिल कमांडो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में एक के बाद एक 7 आतंकी शिविरों को पूरी तरह तबाह कर रहे थे। इस हैरतभरे कारनामे की खबर शुक्रवार को दोपहर बाद आई और पूरे देश ने 'दिवाली' से पहले 'दिवाली' मना डाली..देशभर में भारतीय सेना के गुणगान गाए जाते रहे, जुलूस निकलते रहे और हाथों में तिरंगा थामे युवाओं की टोली ऐसे जश्न मना रही थी, मानों हमने जंग जीत ली...
कोई 10 दिन पहले जम्मू कश्मीर के उड़ी में पाकिस्तान की परस्ती वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के पांच आतंकियों ने भारतीय सेना के कैंप में उस वक्त हमला बोला था, जब जवान ड्यूटी पूरी करने के बाद सो रहे थे। इस हमले में भारत के 18 जवान शहीद हुए थे और तभी से हर देशवासी के दिल में पाकिस्तान से बदला लेने की आग धधक रही थी। प्रधानमंत्री मोदी भी अपने भाषण में शोले बरसाकर पूरे देश को विश्वास दिला रहे थे कि शहीदों का बलिदान बेकार नहीं जाएगा।
आखिरकार फैसले की घड़ी आ गई और बीती रात भारत के जांबाज कमांडो ने पाकिस्तान के भीतर घुसकर उनकी सरपरस्ती में चल रहे 7 आतंकी शिविरों में हमलाकर 38 दुश्मनों को मौत की नींद सुला डाला। भारतीय सेना की इस कामयाबी पर हर भारतीय गर्व कर रहा है और सेना को सलामी दे रहा है। पाकिस्तान के लिए मौत का घिनौना खेल खेलना एक शौक हो सकता है, लेकिन हम भारतवासी हैं..हम उस देश के वासी हैं,ख् जिस देश में गंगा बहती है और यहां हर आदमी 'जान' की कीमत जानता है। भारत पाकिस्तान से इससे अच्छा बदला तो ले ही नहीं सकता था।
इस हमले के बाद पाकिस्तान की स्थिति ऐसी हो गई है कि वो यह मानने को तैयार नहीं है कि उसकी जमीन पर हमला हो गया...वो तो यह कहता फिर रहा है कि भारतीय सेना ने एलओसी का उल्लंघन किया, जबकि हकीकत तो उसके हुक्मरान भी जानते हैं कि भारतीय सेना के कमांडो हमारे घर में आए और हमारे पनाह में आतंक की ट्रेनिंग लेने वाले 38 आतंकियों को ढेर करके चले गए...असल में पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और उसे समझ नहीं आ रहा है कि आगे करना क्या है?
संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के मंसूबे कामयाब नहीं हुए। भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपनी बारी आने पर शरीफ के गाल पर एक ऐसा करारा तमाचा जड़ा, जिसकी गूंज उन्हें अब तक इस्लामाबाद में सुनाई दे रही होगी। सुषमा के थप्पड़ के बाद भारत में मोदी की सिंह गर्जना और फिर भारतीय सेना के बहादुर कमांडो द्वारा रातोरात 38 आतंकियों को मारकर बदला लेने से हर भारतीय तो गर्वित है ही साथ ही उन 18 शहीदों की आत्मा को भी सही मायने में शांति मिली, जो सोते-सोते ही दुनिया से कूच कर गए...यह भी नहीं कह सके, खुश रहना देश के प्यारों..अब हम तो सफर करते हैं...अब हम तो सफर करते हैं...लताजी का 29 सितम्बर को ही जन्मदिन था और उन्होंने ही लालकिले की प्राचीर से शहीदों के लिए कवि प्रदीप का लिखा यह गीत गाया था, 'ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा आंख में भर लो पानी, जो शहीद हुए हैं, उनकी जरा याद करो कुर्बानी...'