इस संबंध में चुनाव आयोग ने कानून मंत्रालय को एक पत्र लिखा है। आयोग ने परिस्थितियों के मद्देनजर यह पत्र सरकार को लिखा है ताकि लोग संवैधानिक संस्थाओं पर बेबुनियादी आरोप लगाकर उनकी छवि खराब न करें। चुनाव आयोग चाहता है कि कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट एक्ट 1971 में संशोधन करके चुनाव आयोग की बात न मानने वाले या उससे सहयोग न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार दिया जाए।
गौरतलब है कि हाल ही में विपक्षी पार्टियों ने ईवीएम को लेकर चुनाव आयोग पर कई तरह के आरोप लगा कर आयोग की छवि को खराब किया गया है। विपक्ष ने चुनाव आयोग पर सत्ताधारी दल के एजेंट के रूप में काम करने जैसे आरोप लगाए थे जिसके बाद चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को ईवीएम हैक करने का चैलेंज दिया था। चुनाव आयोग के चैलेंज को एनसीपी और माकना ने छोड़कर किसी भी राजनीतिक पार्टी ने स्वीकार नहीं किया था। आयोग ने दोनों ही पार्टियों के नेताओं को बुलाकर ईवीएम हैक करने का चैलेंज दिया लेकिन वे ऐसा नहीं कर पाई। दिल्ली विधानसभा में डेमो देकर आरोप लगाने वाली आम आदमी पार्टी इस चैलेंज से दूर हो गई थी।