ट्रेन में रात में कर रहे हैं सफर तो जान लें ये जरूरी नियम, काम आएंगे...

मंगलवार, 10 दिसंबर 2019 (12:57 IST)
ट्रेन में टिकट बुकिंग करते समय बर्थ चुनने का ऑप्शन दिया जाता है। इसमें आप अपनी सुविधा के अनुसार बर्थ का चयन करते हैं। अगर आप ट्रेन में रात में सफर कर रहे हैं तो भी ये नियम आपको जान लेना चाहिए। आप अपने साथ यात्रियों और सामान के अनुसार अपर, लोअर, मीडिल में से बर्थ चुनते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि रेलवे में अपर, लोअर और मीडिल बर्थ को लेकर भी अलग-अलग नियम हैं।
 
ट्रेन में सफर कर रहे हर व्यक्ति की यात्रा आरामदायक हो, यह रेलवे की जिम्मेदारी होती है। रेलवे ने यात्रियों के लिए आरक्षित श्रेणियों में कई नियम बनाए हैं। रेलवे में सफर करने के दौरान आपको इन नियमों की जानकारी होना चाहिए। आइए जानते हैं मिडिल बर्थ के लिए रेलवे में क्या हैं नियम-
 
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1. रात 10 से सुबह 6 बजे तक ही खोली जा सकती है मिडिल बर्थ : ट्रेन चलने के साथ ही मिडिल बर्थ वाले यात्री सोने के लिए बर्थ को खोल लेते हैं। इससे लोअर बर्थ यात्रियों को परेशानी होती है।
 
रेलवे का नियम कहता है कि मिडिल बर्थ वाला यात्री अपनी बर्थ पर 10 रात से सुबह 6 बजे तक ही सो सकता है। रात 10 से मिडिल बर्थ को खोलने से रोका जा सकता है। सुबह 6 बजे के बाद बर्थ को नीचे करना होगा ताकि अन्य यात्री लोअर बर्थ पर आराम से बैठ सकें।
 
2. ...तो नींद में खलल नहीं डाल सकता टीटीई : ट्रैवल टिकट एग्जामिनर ट्रेन यात्रा के दौरान टिकट चेक करने के लिए आता है। कई बाद जब देर रात आप नींद में होते हैं तो वह आपको आपसे पहचान-पत्र के लिए पूछता है। इससे आपकी नींद में खलल होता है। 
 
रेलवे गाइड लाइन के मुताबिक 10 बजे के बाद टीटीई भी आपको वेरिफिकेशन के लिए परेशान नहीं कर सकता है। सुबह 6 से रात 10 बजे के बीच ही टीटीई को टिकटों का वेरिफिकेशन करना जरूरी होता है। रात में सोने के बाद किसी भी यात्री को परेशान नहीं किया जा सकता। हालांकि रात को 10 बजे के बाद यात्रा शुरू करने वाले यात्रियों पर यह नियम लागू नहीं होता है।

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