न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति बनर्जी की पीठ 30 अगस्त को अदालत संख्या 8 में सुनवाई कर रही थी, जब यह खुलासा किया गया। न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि न्यायाधीश को प्रभावित करने का प्रयास अदालत की अवमानना है।
वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने न्यायमूर्ति बनर्जी से अनुरोध किया कि वे सुनवाई से खुद को अलग नहीं करें, क्योंकि इसका दूसरे इस्तेमाल कर सकते हैं। न्यायमूर्ति बनर्जी ने भी सुनवाई के दौरान कहा कि कभी-कभार बार के वरिष्ठ सदस्य भी मुलाकात के दौरान लंबित मामलों पर चर्चा शुरू कर देते हैं।
उन्होंने कहा कि अदालत को प्रभावित करने की किसी भी कोशिश को गंभीरता से देखा जाएगा। किसी ने उसके लिए उन्हें टेलीफोन किया था, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि किसने कॉल किया था? पीठ ने इसके बाद मामले पर सुनवाई की और अपना फैसला बाद में सुनाने की घोषणा की।