राहुल गांधी ने कहा- दादी इंदिरा का आपातकाल गलत था, लेकिन...

बुधवार, 3 मार्च 2021 (00:50 IST)
नई दिल्ली। केरल के वायनाड से सांसद एवं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को अपनी दादी श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा 1975 में लगाए गए आपात को तो गलत ठहराया, लेकिन उसकी आड़ में उन्होंने केन्द्र सरकार पर भी निशाना साध लिया। 
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कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कहा कि उनकी दादी इंदिरा गांधी द्वारा लगाई 
गई इमरजेंसी गलत थी। लेकिन, अभी जो हो रहा है और उस समय जो हो रहा था, दोनों में काफी बड़ा अंतर है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी भी भारत के संवैधानिक ढांचे को हथियाने की कोशिश नहीं की। अगर हम चाहें तो भी ऐसा नहीं कर सकते हैं क्योंकि पार्टी का डिजाइन इसकी अनुमति नहीं देता। 
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राहुल ने मोदी सरकार के साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि संघ जो कर 
रहा है वह मौलिक रूप से अलग है और वह अपने लोगों से संस्थानों को भर रहा है। 
 
उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि हमें संसद में बोलने की इजाजत नहीं है। यह लोकतंत्र पर सोचा-समझा हमला है। राहुल ने अपने पिता राजीव की हत्या से जुड़े एक प्रश्न के जवाब में कहा कि मेरे पिता की हत्या दर्दनाक तो थी ही, लेकिन वे कई ताकतों से लड़ रहे थे।

अमेरिका के कॉर्नेल विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु के साथ हुई बातचीत में गांधी ने कहा कि वे कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र के पक्षधर हैं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी, देश को उसका संविधान दिया और समानता के लिए खड़ी हुई। आपातकाल पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि वह एक गलती थी। बिलकुल, वह एक गलती थी। और मेरी दादी (इंदिरा गांधी) ने भी ऐसा कहा था।

आपातकाल के अंत में इंदिरा गांधी ने चुनाव की घोषणा की थी इस बाबत प्रणब मुखर्जी ने बसु से कहा था कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उन्हें हारने का डर था। इस संबंध में पूछे गए सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि आपातकाल में जो भी हुआ वह 'गलत' था और उसमें तथा आज की परिस्थिति में मूलभूत अंतर है।

राहुल गांधी ने कहा कि मैं कांग्रेस पार्टी में अंदरूनी लोकतंत्र को बढ़ावा देने की बात कई सालों से कर रहा हूं। इसके लिए मेरी ही पार्टी के लोगों ने मेरी आलोचना की थी। मैंने अपनी पार्टी के लोगों से कहा कि पार्टी में अंदरुनी लोकतंत्र लाना निश्चित तौर पर जरूरी है।  

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