MPPSC ऑफिस परिसर में हजारों छात्र जमा, कई इलाकों से पहुंच रहे छात्र
प्रदेश स्तर पर बढ़ता जा रहा MPPSC छात्रों का आंदोलन
छात्रों का आरोप, आश्वासन के बजाए धमकी दे रहे अधिकारी
भर्ती प्रक्रिया से लेकर कॉपी दिखाने तक कई हैं छात्रों की मांगें
MPPSC के अभ्यर्थियों का इंदौर में शुक्रवार को भी विरोध प्रदर्शन जारी रहा। गुरुवार की रात उन्होंने कड़ाके की ठंड के साथ रात गुजारी। हजारों अभ्यर्थी मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग इंदौर ऑफिस के बाहर बैठकर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी कई मांगें हैं। अपनी मांगों को लेकर आयोग से उनकी एक दो बार चर्चा भी हुई, लेकिन लिखित आश्वासन नहीं मिलने की वजह से बात नहीं बनी और शुक्रवार से कुछ छात्र आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग इंदौर ऑफिस के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। ऑफिस के बाहर के दोनों गेट पर भी सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं।
आश्वासन नहीं, धमकी दे रहे अधिकारी : बता दें कि बुधवार को यह आंदोलन शुरू हुआ था। इसके बाद से आंदोलन जारी है। गुरुवार दोपहर को भी बड़ी संख्या में अभ्यर्थी यहां पहुंचे और नारेबाजी मांगें पूरी नहीं होने पर और आश्वासन नहीं मिलने पर छात्रों ने आज से आमरण अनशन शुरू किया है। इस बीच छात्रों ने वेबदुनिया को बताया कि उन्हें प्रशासन के अधिकारी धमकी दे रहे हैं। न ही कोई उनके हेल्थ चेकअप के लिए आया।
अरविंद और राधे जाट आमरण अनशन पर बैठे : बता दें कि करीब 3 से 4 हजार छात्र यहां आंदोलन और नारेबाजी कर रहे हैं। इस बीच छात्र अरविंद और राधे जाट आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। आज यूनियन के सदस्य लोक सेवा आयोग को चूड़ी भेंट करेंगे। इसके लिए यूनियन के नेशनल कमेटी मेंबर और अनशन पर बैठे राधे जाट ने एक वीडियो जारी कर अपील की है। इसमें प्रदर्शन में शामिल होने आ रहे प्रदेश के समस्त अभ्यर्थियों और स्टूडेंट्स को अपने साथ चूडियां लेकर आने के लिए कहा गया है।
प्रदेश स्तर पर बढ़ रहा आंदोलन : एमपीपीएसी अभ्यर्थियों का प्रदर्शन चौथे दिन भी जारी है। बुधवार को शुरू हुआ आंदोलन अब प्रदेश स्तर पर बढ़ने लगा है। इंदौर के आसपास के छात्र भी आंदोलन में शामिल होने के लिए आने लगे हैं। शुक्रवार सुबह 10 बजे डीडी पार्क से नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन के बैनर तले अभ्यर्थियों ने एमपीपीएससी न्याय यात्रा निकाली थी। हजारों अभ्यर्थी इसमें शामिल हुए थे।
बात नहीं कर रहा आयोग : छात्रों का आरोप है कि आयोग उनकी मांगें नहीं सुन रहा है। न ही आयोग के चेयरमैन राजेश मेहरा ने उनसे मुलाकात की। छात्रों ने बताया कि उनसे चर्चा करने के लिए एडीएम रोशन राय और दूसरे अधिकारियों को भेजा गया। उन्होंने कहा कि अधिकारी भी उनसे बात करने के बजाए धमका रहे हैं। इससे पहले गुरुवार को दिन में पुलिस प्रदर्शनकारियों का माइक और स्पीकर भी छीन कर ले गई थी। शाम को यूनियन के सदस्य और अभ्यर्थी आयोग के अधिकारियों से भी मिले, लेकिन मांगों को लेकर कोई निराकरण नहीं होने पर अरविंद और राधे जाट आमरण अनशन पर बैठ गए।
रजाई गद्दे लेकर आ गए छात्र : अपनी मांगों को लेकर नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन के बैनर तले एमपीपीएससी के अभ्यर्थी बुधवार सुबह 10 बजे डीडी पार्क पर एकत्रित हुए थे। हजारों की संख्या में अभ्यर्थी सड़कों पर उतरे और एमपीपीएससी न्याय यात्रा के रूप में वे विभिन्न मार्गों से होते हुए मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के दफ्तर पहुंचे। अभ्यर्थियों की संख्या को देखते हुए पुलिस ने पहले से ही यहां पर बैरिकेडिंग कर रखी थी। यूनियन के पदाधिकारियों का कहना था कि आयोग के अधिकारी बाहर आकर उनसे मिले। साथ ही उनकी मांगों का निराकरण करने के लिए लिखित आश्वासन में दिया जाए लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इसके चलते अभ्यर्थी आयोग के दफ्तर के बाहर ही सड़क पर धरने पर बैठ गए। रातभर कड़ाके की ठंड में वे बाहर बैठे रहे। बड़ी संख्या में अभ्यर्थी आयोग दफ्तर के बाहर डटे हुए हैं। छात्रों ने रजाई, गद्दे कार्यालय के सामने ही लगवा लिए हैं। खाने की भी व्यवस्था वहीं पर कई गई है। छात्र अपने साथियों के लिए घरों से भोजन बनाकर ला रहे हैं। उन्होंने सभी कोचिंग संस्थानों से बंद की भी अपील की है। ये प्रदर्शन नेशनल एजुकेडेट यूथ यूनियन के बैनर तले हो रहा है। छात्रों द्वारा दोपहर में हनुमान जी की फोटो स्थापित कर सुंदर कांड पाठ किया गया था। नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन के पदाधिकारी बोले- जब तक आयोग की वेबसाइट पर हमारी मांगे जारी नहीं होंगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
क्या है अभ्यर्थियों की मांगें :
2019 में मुख्य परीक्षा (Mains) की कॉपियां दिखाई जाए और मार्क शीट जारी की जाए।
MPPSC 2025 में राज्य सेवा में 700 और वन सेवा में 100 पदों के साथ नोटिफिकेशन जारी हो।
2023 राज्य सेवा मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी किया जाए।
87/13 फार्मूला खत्म करके सभी परिणाम 100 प्रतिशत पर जारी किए जाए।
MPPSC की भर्ती प्रक्रिया में नए सुधार जैसे
प्रारंभिक परीक्षा में UPSC की तरह एक भी प्रश्न गलत न बनाए जाए, नेगेटिव मार्किंग शुरू की जाए।
CGPSC की तरह मुख्य परीक्षा की कॉपी जांची जाए।
इंटरव्यू के मार्क्स कम करके बिना कैटेगरी और सरनेम के वीडियो रिकॉर्डिंग साथ आयोजित हो।