कानपुर। इंदौर से पटना जा रही इंदौर-राजेन्द्र नगर एक्सप्रेस के कानपुर देहात के पुखरायां में दुर्घटना के बाद से लगातार सेना व क्षेत्रीय निवासी राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। लगभग 10 घंटे के बाद दोपहर 1 बजे सेना के जवानों ने बी-3 कोच से बिहार की राजधानी पटना की रहने वाली दो महिलाओं को जिंदा निकाला।
खून देने के लिए आगे आए कानपुरवासी : इंदौर-पटना ट्रेन हादसे में 115 लोग मारे गए हैं, जबकि 200 से ज्यादा घायल हुए हैं। घायलों को आनन-फानन में शहर के कई सरकारी व गैरसरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। अधिक खून निकलने से लोगों को खून की जरुरत पड़ने पर शहरवासी ब्लड डोनेट के लिए आगे आए हैं।
कानपुर देहात में हुए ट्रेन हादसे में कई लोगों की अभी भी फंसे होने की जानकारी है। वहीं दूसरी तरफ इस हादसे में घायलों को इलाज के लिए हैलट, उर्सला, व शहर के प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा है, जिन्हें खून की बहुत आवश्यकता है। ऐसे में जीएसवीएम मेडिकल के प्राचार्य डॉ. नवनीत अग्रवाल ने लोगों से रक्तदान करने की बात कही, जिसके बाद खून देने के लिए लोगों का तांता अस्पताल में लग गया है। स्वयंसेवक संघ, निजी संस्था के साथ आम नागरिक बढ़चढ़कर खून देने के लिए अस्पताल पहुंचे गए हैं।
हैलट अस्पताल पहुंचे शिवराज सिंह चौहान, मरीजों का पूछा हालचाल : कानपुर देहात में सबसे बड़े रेल हादसे में घायलों का हालचाल लेने के लिए मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री हैलट अस्पताल पहुंचे। उन्होंने घायल मरीजों का हालचाल लेने के बाद चिकित्सा व्यवस्था को लेकर डीएम से बातचीत की।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान का हेलीकाप्टर करीब साढ़े 4 बजे चकेरी एअरपोर्ट पहुंचा। यहां से वे कार से हैलट अस्पताल पहुंचे। अस्पताल पहुंचते ही सीएम ने कानपुर जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा के साथ हैलट इमरजेंसी अस्पताल में भर्ती मरीजों का हालचाल जाना और बेहतर इलाज दिलाने की बात देकर सांत्वना दी।
रेल हादसे में घायलों को लेकर मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री ने डीएम से बातचीत की और चिकित्सा से लेकर हर मदद करने के निर्देश दिए हैं। पत्रकारों से मुखातिब होते हुए सीएम ने बताया कि यह घटना बहुत ही निंदनीय है, इसकी जांच कराई जाएगी। अस्पताल में करीब 30 मिनट रुककर मुख्यमंत्री से मरीजों व उनके तीमारदारों से मिलकर सांत्वना दी। (वेबदुनिया न्यूज)