उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ लखनऊ महानगर (पूरब) की ओर से आयोजित उत्सव में कहा कि 'जन खोया नहीं जाता, जमीन छोड़ी नहीं जाती'। उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन हमारे समाज में नारी के प्रति सम्मान का उत्सव है। जिस समाज में नारी का सम्मान होता है, वहां ईश्वरीय शक्तियों का वास होता है और जहां नारी का सम्मान नहीं होता है, वहां राक्षसी शक्तियां जन्म लेती हैं।
इन्द्रेश कुमार ने कहा कि हम प्रकृति के साथ भी रक्षाबंधन मनाते हैं। रक्षाबंधन सुरक्षा का भी अनुबंध है। हमारी स्वतंत्रता, सम्मान और संस्कृति सेना के कारण सुरक्षित है इसलिए हमें उनका भी सम्मान करना चाहिए। संघ का स्वयंसेवक चरित्र और व्यवहार के कारण जाना जाता है। भगवान राम और कृष्ण अपने चरित्र से जाने गए।
रक्षाबंधन पर स्वच्छता का संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि हम स्वयं से शुरुआत करें और निश्चय करें कि हम सार्वजनिक स्थान पर गंदगी नहीं करेंगे। उन्होंने अंत्योदय की परिभाषा बताते हुए कहा कि घर, समाज, जाति और धर्म में जो सबसे बाद में हो, वही अंत्योदय है। (भाषा)