पानी में दुश्मनों के मंसूबों को कर देगी तबाह, जानिए 'साइलेंट किलर' INS खंडेरी की खूबियां

शनिवार, 28 सितम्बर 2019 (17:37 IST)
भारत की स्कार्पिन क्लास की दूसरी सबसे अत्याधुनिक पनडुब्बी INS खंडेरी भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हो गई है।

'साइलंट किलर' कही जाने वाली INS खंडेरी पानी में दुश्मन पर सबसे पहले प्रहार करने वाली कलवरी श्रेणी की दूसरी डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी है। यह हिन्द महासागर में अचूक नजर रखते हुए पानी में ही दुश्मनों के मंसूबों को तबाह कर देगी।
INS खंडेरी के बेड़े में शामिल होने से समंदर में नौसेना को नई ताकत मिल गई है। 300 किलोमीटर दूर स्थित दुश्मन के जहाज को नष्ट करने की क्षमता रखने वाली INS खंडेरी दुश्मनों के लिए काल है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुंबई में INS खंडेरी को नौसेना में कमीशन किया। जानिए क्या हैं INS खंडेरी की खूबियां-
 
मुंबई के मझगांव डॉर्कयार्ड में हुई है तैयार : INS खंडेरी को फ्रांस और भारत की तकनीक से मिलकर मुंबई के मझगांव डार्कयार्ड में ही तैयार किया गया है। INS खंडेरी को साइलंट किलर भी कहा जा रहा है। 2006 में फ्रांस की कंपनी नेवल ग्रुप के साथ 3.75 अरब डॉलर से 6 पनडुब्बी तैयार करने का एक करार हुआ था। पहली पनडुब्बी 2012 में मिलनी थी, किन्ही कारणों से ऐसा नहीं हो पाया था।
छत्रपति शिवाजी के खंडेरी किले पर हुआ नामकरण : पनडुब्बी INS खंडेरी का नाम महाराज छत्रपति शिवाजी के खंडेरी स्थित किले के नाम पर दिया गया है। मराठा सैनिकों ने 17वीं शताब्दी के अंत में समुद्र में अपना प्रभुत्व कायम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। छत्रपति शिवाजी महाराज नौसेना की ताकत के महत्व को समझने और इसकी मजबूती के लिए काम करने वाले पहले भारतीय शा‍सक थे। मराठा सेना के लिए 1654 में कल्याण के पास एक खाड़ी में पहले पोत का अड्डा बनाया गया था।
 
ये हैं खूबियां :
यह पानी में रहने वाली विश्व की सबसे शांत पनडुब्बियों में से एक है।
INS खंडेरी में रडार, सोनार सिस्टम सहित कुल 1000 से अधिक उपकरण लगे हुए हैं।
खंडेरी सागर में 300 मीटर की गहराई तक जा सकती है।
दुश्मन का कोई भी रडार INS खंडेरी का पता नहीं लगा सकता है।
अत्याधुनिक तकनीक से लैस स्कार्पिन श्रेणी की पनडुब्बी।
INS खंडेरी में टॉरपीडो और एंटीशिप मिसाइलें तैनात हैं।
समुद्र से समुद्र और पानी के अंदर मार करने की क्षमता।
पानी के अंदर 45 दिनों तक रह सकती है।
67 मीटर लंबी, 6.2 मीटर चौड़ी और 12.3 मीटर की ऊंचाई वाली पनडुब्बी का कुल वजन 1550 टन है।
इसमें 36 से अधिक नौसैनिक रह सकते हैं।
देश में निर्मित यह पनडुब्बी 1 घंटे में 35 किलोमीटर की दूरी आसानी से तय कर सकती है।

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