foreign currency deposits : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अनिवासी भारतीयों की विदेशी मुद्रा जमाओं पर ब्याज दर सीमा बढ़ाने का शुक्रवार को ऐलान किया। इस कदम का उद्देश्य रुपए पर दबाव के बीच पूंजी प्रवाह को बढ़ाना है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने चालू वित्त वर्ष के लिए 5वीं द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि विदेशी मुद्रा अनिवासी बैंक जमा यानी एफसीएनआर (बी) जमा पर ब्याज दर की सीमा को अवधि के हिसाब से बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि दुनिया में विदेशों से सर्वाधिक धनप्रेषण हासिल करने वाले देश भारत ने रुपए पर आए दबाव के बीच हाल में एनआरआई जमाओं पर बेहतर पेशकश की है। दास ने कहा कि अक्टूबर और नवंबर में अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की ओर से बिकवाली के दबाव से रुपए में 1.3 प्रतिशत की गिरावट आई है। हालांकि उन्होंने कहा कि उभरते बाजारों की तुलना में अस्थिरता कम रही है।
उन्होंने कहा कि व्यक्तियों और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए विदेशी मुद्रा के मूल्य निर्धारण में अधिक पारदर्शिता और निष्पक्षता लाने के इरादे से भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड (सीसीआईएल) ने 2019 में एफएक्स-रिटेल मंच पेश किया था। फिलहाल यह मंच एक इंटरनेट-आधारित ऐप के जरिए सुलभ है लेकिन अब इसे एनपीसीआई भारत कनेक्ट द्वारा संचालित भारत कनेक्ट (पूर्व में भारत बिल भुगतान प्रणाली) के साथ जोड़ने का प्रस्ताव है।(भाषा)